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एमसीबी/मनेंद्रगढ़: मनेंद्रगढ़ में उद्योग–बैंकर्स संवाद कार्यशाला सम्पन्न, जिले के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने का संकल्प

 विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ 


मनेंद्रगढ़ में उद्योग–बैंकर्स संवाद कार्यशाला सम्पन्न, जिले के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने का संकल्प।


 मनेंद्रगढ़ में भव्य उद्योग–बैंकर्स संवाद, नए उद्योग और निवेश की राह खुली।


जिले के औद्योगिक विकास को मिली नई गति, मंत्री देवांगन ने की बड़ी घोषणाएँ।


उद्योग–बैंकर्स संवाद कार्यशाला में सीधे संवाद से उद्यमियों की समस्याओं का समाधान।


मनेंद्रगढ़ बनेगा औद्योगिक हब, ई-वे बिल की सीमा 1 लाख तक बढ़ी।


*महिला उद्यमियों और स्व-सहायता समूहों को मिला सशक्तिकरण का अवसर।*

एमसीबी/मनेंद्रगढ़। जिले में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने और उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सोमवार को विमल श्री टॉकीज, मनेंद्रगढ़ में “उद्योग-बैंकर्स संवाद” कार्यशाला का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र तथा छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, जिला एमसीबी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के वाणिज्य, उद्योग, श्रम एवं आबकारी मंत्री लखनलाल देवांगन और विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल उपस्थित रहे। चिरमिरी महापौर रामनरेश राय और जिला अध्यक्ष चंपादेवी पावले भी मंचासीन रहीं।


*औद्योगिक नीति और बैंकों की योजनाओं पर फोकस*


कार्यशाला में छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 की विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) इकाइयों, महिला उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों और कारीगरों को बैंक ऋण, सरकारी योजनाओं और वित्तीय सहायता से जोड़ने पर विशेष जोर दिया गया।


सेंट्रल बैंक के रीजनल मैनेजर रणधीर सिंह और पंजाब नेशनल बैंक के एजीएम आलोक कुमार ने उद्यमियों को ऋण योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन की सीमा अब 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है।


उद्योग विभाग के संयुक्त संचालक ऋतुराज ताम्रकार ने बताया कि विश्व बैंक समर्थित RAMP योजना का उद्देश्य MSME क्षेत्र को कोविड-19 संकट से उबारना और उन्हें मजबूत बनाना है। इसके तहत ऋण प्राप्ति को आसान बनाना, बाजार तक पहुँच बढ़ाना, संस्थागत सुदृढ़ीकरण और महिला सहभागिता को बढ़ावा देना प्रमुख लक्ष्य हैं।


*सीधे संवाद से उद्यमियों की शंकाओं का समाधान*


कार्यशाला की सबसे बड़ी विशेषता रही कि उद्यमियों को सीधे बैंकरों से संवाद का अवसर मिला। महिला उद्यमियों और स्व-सहायता समूहों के लिए अलग सत्र रखा गया, जिसमें वित्तीय सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता पर विशेष चर्चा हुई।


एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के एपी सिंह ने कहा कि चेम्बर ऑफ कॉमर्स को स्थानीय रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए। छोटे-छोटे वेंडर्स तैयार कर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा – “नौकर मत बनिए, मालिक बनिए।”


*मंत्री देवांगन की घोषणाएँ*


मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा और छत्तीसगढ़ इस परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में तैयार की गई नई औद्योगिक नीति से राज्य में निवेश के अवसर बढ़े हैं। जापान और कोरिया में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट से सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।


मंत्री ने बताया कि अब तक राज्य में 32 हजार युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया है और निवेशकों की संख्या 6.65 लाख से बढ़कर 7.50 लाख हो गई है। उन्होंने घोषणा की कि आने वाले समय में केल्हारी, भरतपुर, चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ में नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे।


छोटे व्यापारियों को राहत देते हुए उन्होंने कहा कि ई-वे बिल की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। साथ ही उन्होंने चेंबर ऑफ कॉमर्स की मांगों को तत्काल मानते हुए चैनपुर इंडस्ट्रीज एरिया का संधारण, डीसीआई भवन का निर्माण, केल्हारी में 37 एकड़ में इंडस्ट्री एस्टेट और परसगढ़ी इंड्रस्ट्रीज एरिया का विकास कराने की घोषणा की।


*स्वास्थ्य मंत्री ने बताई संभावनाएँ*


विशिष्ट अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि जिले की प्राकृतिक और सांस्कृतिक सुंदरता इसे औद्योगिक और स्वास्थ्य निवेश के लिए उपयुक्त बनाती है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी औद्योगिक नीति में शामिल किया जाएगा, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।


*विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और योजनाओं का लाभ*


विशेषज्ञों ने प्रवेश मूल्य निर्धारण और प्रीमियम मूल्य निर्धारण की अवधारणा समझाई। वहीं सीए अरिहंत जैन ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि सामान्य तथा विशेष श्रेणियों के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग सब्सिडी का प्रावधान है।


कार्यशाला में बड़ी संख्या में उद्यमियों, कारीगरों और स्व-सहायता समूहों ने भाग लिया। इस अवसर पर पात्र उद्यमियों को विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण भी स्वीकृत किए गए।


प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत – उपश्याम ट्रेडर्स को 6 लाख, न्येन कलेक्शन को 10 लाख, सूरज फर्निचर मार्ट को 9 लाख, वकील फर्निचर मार्ट को 10 लाख, विनायक इंटरप्राइजेज को 5 लाख और नियाकत अली को 5 लाख रुपये।


कार्यशील पूँजी ऋण योजना – सुरजीत वुड्स प्रोडक्ट्स को 35 लाख रुपये।


CCGCC योजना – शंकर कश्यप को 60 हजार रुपये।


PMFME योजना – कल्पना को 4 लाख, सीता बाई को 9 लाख, दीपा केवट को 4 लाख और परसराम यादव को 4 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया।


*आर्थिक परिवर्तन की शुरुआत*


समापन सत्र में अधिकारियों ने कहा कि यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि जिले के आर्थिक परिवर्तन की शुरुआत है। इस कार्यशाला से उद्यमियों और बैंकरों के बीच सीधा संवाद स्थापित हुआ है, जो भविष्य में निवेश, ऋण प्राप्ति और व्यवसाय विस्तार में मददगार साबित होगा। सभी प्रतिभागियों ने इसे जिले में उद्योग-व्यापार के नए युग की सार्थक और ऐतिहासिक शुरुआत बताया।

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