लोकेशन बोकारो से नेशनल हैड अधिवक्ता राजेश कुमार
शीर्षक। चमत्कार और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरणनमस्ते,
हम एक ऐसी घटना की बात करने जा रहे हैं, जो न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि आस्था, संजोग और चमत्कार का एक अनूठा संगम प्रस्तुत करती है। यह कहानी है बोकारो अधिवक्ता संघ परिषद की, जहां भक्तों के संकटमोचन, बजरंगबली हनुमान जी की कृपा और महान समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के प्रति श्रद्धा एक साथ साकार हुई। इसे संजोग कहें या चमत्कार, यह घटना हर किसी के मन में आस्था और विश्वास को और गहरा कर रही है।कहानी की शुरुआत होती है बोकारो अधिवक्ता संघ परिषद में बजरंगबली की मूर्ति की स्थापना से। जब से हनुमान जी की पावन मूर्ति इस परिषद में स्थापित की गई, तब से वहां एक अनोखी सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। भक्तों का कहना है कि हनुमान जी की उपस्थिति को वहां महसूस किया जा सकता है। उनकी कृपा और आशीर्वाद ने परिषद को एक पवित्र स्थल में बदल दिया है।लेकिन यह चमत्कार यहीं नहीं रुका। 14 तारीख को एक और ऐतिहासिक क्षण आया, जब परिषद में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा था। यह अवसर अपने आप में गौरवमयी था, क्योंकि बाबासाहेब अंबेडकर न केवल एक महान विधिवेत्ता थे, बल्कि सामाजिक समानता और न्याय के प्रतीक थे। लेकिन इस अनावरण के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। भक्तों का मानना है कि इस पवित्र अवसर पर स्वयं हनुमान जी वहां प्रकट हुए और उन्होंने अपना आशीर्वाद प्रदान किया। उनकी उपस्थिति ने इस समारोह को और भी पवित्र और यादगार बना दिया।और फिर, एक और विचित्र और चमत्कारी घटना ने सभी को हैरान कर दिया। परिषद में जहां बजरंगबली की मूर्ति स्थापित है, वहां हनुमान जी को देखा गया, जैसे वे अपने भक्तों के बीच विराजमान हों।लेकिन इसके साथ ही, परिषद में लगे हनुमान जी के ध्वज के पास भी एक और हनुमान जी की आकृति को देखा गया, जो सिर झुकाए भक्ति में लीन थे। यह दृश्य इतना अद्भुत था कि इसे देखकर लोग अवाक रह गए। क्या यह संजोग था? या यह हनुमान जी का चमत्कार था, जो अपने भक्तों को यह दिखाना चाहते थे कि वे हर पल, हर स्थान पर उनके साथ हैं?वास्तु शास्त्र के अनुसार, हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर जहां होती है, वहां नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता का संचार होता है। बोकारो अधिवक्ता संघ परिषद में यह चमत्कार उस बात को सत्य साबित करता है। हनुमान जी, जो भक्ति, बल और बुद्धि के प्रतीक हैं, अपने भक्तों के संकटों को हरने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। और इस घटना ने यह भी दिखाया कि वे महान पुरुषों के प्रति श्रद्धा और सम्मान के कार्यों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।चाहे इसे संजोग कहें या चमत्कार, सच्चाई यही है कि बोकारो अधिवक्ता संघ परिषद में हनुमान जी की कृपा और डॉ. अंबेडकर जी की प्रेरणा एक साथ मिलकर एक अनूठा इतिहास रच रही हैं। यह घटना हमें सिखाती है कि आस्था और कर्म का संगम कितना शक्तिशाली हो सकता है। यह हमें प्रेरित करती है कि हम अपने कार्यों को पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ करें, क्योंकि जहां सच्ची भक्ति और नेक इरादे होते हैं, वहां हनुमान जी जैसे संकटमोचन और बाबासाहेब जैसे महान पुरुषों का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है।आइए, हम सब मिलकर इस चमत्कारी घटना को नमन करें और प्रार्थना करें कि हनुमान जी और बाबासाहेब अंबेडकर जी का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे।
जय हनुमान! जय बाबासाहेब!
भारत माता की जय!