क्राइम ब्यूरो _ मोहम्मद अहमद
जिला बाराबंकी
*साइकिल छूने की 'सजा' बनी मासूम की चीखें: जहांगीराबाद में 7 साल के बच्चे पर दिन में पिटाई, रात में जानलेवा हमला, चार दबंगों पर केस दर्ज*बाराबंकी।"योगी राज में गुंडागर्दी पर लगाम" के दावों के बीच बाराबंकी जिले से एक ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के पारा खन्दौली गांव में दबंगों ने सात साल के मासूम अनवित को इतनी बेरहमी से पीटा कि वह अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। घटना 20 जून की है। अनवित कुमार, जो गांव निवासी प्रवेश कुमार का बेटा है, शाम के वक्त घर के लिए सामान लेने साइकिल से निकला था। लौटते वक्त उसकी साइकिल गांव के ही विशाल नामक युवक की साइकिल से हल्के से टकरा गई। इसी बात पर विशाल आपा खो बैठा और गालियों की बौछार करते हुए मासूम पर टूट पड़ा। सिर्फ इतना ही नहीं। शोर सुनकर आरोपी विशाल के परिजन—रामशंकर, उसकी पत्नी और बेटा सुनील—भी मौके पर आ पहुंचे और मिलकर बच्चे को लाठी-डंडों से पीटने लगे। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर जब ग्रामीण इकट्ठा हुए तो आरोपी वहां से भाग निकले। लेकिन दबंगों की दरिंदगी यहीं नहीं रुकी। रात करीब 9:30 बजे, जब बच्चा शौच के लिए बाहर निकला, तो पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने दोबारा हमला कर दिया। मासूम का मुंह दबाकर उसे बेरहमी से पीटा गया। बच्चे की चीख सुनकर जब तक पिता दौड़कर पहुंचे, तब तक वह बेहोश हो चुका था। बच्चे को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसका हाथ टूट चुका है और पूरे शरीर पर गहरी चोटों के निशान हैं। पीड़िता की मां मीना देवी का कहना है कि जाते-जाते हमलावर साफ धमकी देकर गए:"अबकी बार बच गया, अगली बार जान नहीं बचेगी!"इस निर्मम हमले के बाद जहांगीराबाद थाना पुलिस ने विशाल, रामशंकर, उसकी पत्नी और बेटे सुनील के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता BNS की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जनता का सवाल—कब थमेगा यह कहर? सवाल ये है कि आखिर उत्तर प्रदेश में मासूम बच्चों की भी क्या कोई सुरक्षा नहीं बची? क्या गुंडों को कानून का कोई डर नहीं रहा? क्या "दबंगों की सत्ता" गांवों में कानून से ऊपर है? प्रशासन से उठती पुकार, ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि दोबारा कोई मासूम इस तरह की हैवानियत का शिकार न बने।