क्राइम ब्यूरो _ मोहम्मद अहमद
जिला बाराबंकी
*तालाब बना ज़हर की झील, प्रशासन बेखबर?**गांव में फैले जलभराव से महामारी का खतरा, शिकायत पहुँची प्रधानमंत्री तक*
*ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इस पूरे मामले को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका PIL दाखिल करेंगे*
बाराबंकी। जनपद के विकास खंड रामनगर की ग्राम पंचायत तिलोकपुर का पूर्वी टोला इन दिनों जलभराव और गंदगी की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। मुख्य तालाब से बहता गंदा पानी टोले की गलियों और घरों के पास जमा हो जाता है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि बच्चों और बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। स्थानीय निवासी जय प्रकाश यादव एडवोकेट ने इस गंभीर समस्या को लेकर IGRS पोर्टल पर शिकायत संख्या 40017625036860 दर्ज कराई है और उसकी प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी सहित तमाम अधिकारियों को भेज दी गई है। शिकायत में स्पष्ट रूप से आरोप लगाया गया है कि गांव में नालियों और जलनिकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। गंदे पानी में सांप और जहरीले कीड़े घूम रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है। कई बार पंचायत से लेकर ब्लॉक स्तर तक गुहार लगाई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। ग्रामीणों की माँग है कि विशेष ग्राम सभा बुलाकर सफाई अभियान चलाया जाए और इस मामले को प्राथमिकता योजना में शामिल कर जल निकासी व कीटनाशक छिड़काव की व्यवस्था कराई जाए।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिकायतकर्ता जय प्रकाश यादव ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इस पूरे मामले को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका PIL दाखिल करेंगे। उन्होंने साफ कहा है कि यदि इस उपेक्षा के कारण किसी ग्रामीण की जान जाती है, तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी। यह मामला सिर्फ एक गांव की समस्या नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि "स्वच्छ भारत अभियान" और "जल जीवन मिशन" जैसी सरकारी योजनाएँ ज़मीनी स्तर पर कितनी नाकाम साबित हो रही हैं। सवाल यह है कि जब शिकायत सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुँच गई है, तो क्या अब भी प्रशासन की नींद खुलेगी?