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कांकेर: जान जोखिम में डालकर शिक्षा: अंजाड़ी (नेलडोडा) के स्कूली बच्चे पार करते हैं उफनती नदी; पुल की मांग वर्षों से अनसुनी

 जान जोखिम में डालकर शिक्षा: अंजाड़ी (नेलडोडा) के स्कूली बच्चे पार करते हैं उफनती नदी; पुल की मांग वर्षों से अनसुनी।


पत्रकार- स्वतंत्र नामदेव 

कांकेर जिला ब्यूरो


जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत घोड़ागाँव का आश्रित गाँव अंजाड़ी (नेलडोडा) आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, जिसका सबसे बड़ा खामियाजा गाँव के मासूम स्कूली बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा के अधिकार की बात करने वाले प्रशासनिक दावों की पोल खोलते हुए, यहाँ के बच्चे हर रोज़ अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं।

दरअसल, गाँव और स्कूल के बीच बहने वाली नेलडोडा नदी पर कोई पुल या पुलिया नहीं है। बरसात के दिनों में यह नदी उफान पर होती है और इसका तेज बहाव किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकता है। नदी के दोनों किनारों पर खड़े होकर छोटे-छोटे मासूम बच्चे बहाव कम होने का इंतज़ार करते हैं, और फिर एक-दूसरे का सहारा लेकर या बड़े-बुजुर्गों की मदद से इस खतरनाक नदी को पार करते हैं। कई बार बच्चे फिसल जाते हैं, लेकिन शिक्षा पाने की ललक उन्हें इस जोखिम को उठाने पर मजबूर करती है।


ग्रामीणों का छलका दर्द :- 

स्थानीय ग्रामीण सुखराम दुग्गा, भावेश सलाम ने कहा यह समस्या आज की नहीं, बल्कि वर्षों पुरानी है। "हमने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाई है कि नदी पर एक छोटा सा पुल या पुलिया ही बनवा दी जाए, ताकि हमारे बच्चे सुरक्षित स्कूल जा सकें। हर बार आश्वासन मिलता है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं," एक ग्रामीण ने अपना दुख व्यक्त किया। उनका आरोप है कि जनप्रतिनिधि केवल चुनाव के समय ही गाँव आते हैं और जीतने के बाद उन्हें बच्चों की सुरक्षा या शिक्षा की कोई चिंता नहीं रहती।

एक अभिभावक ने रोष व्यक्त करते हुए कहा, "हमें डर लगा रहता है कि कहीं हमारा बच्चा स्कूल जाते समय हादसे का शिकार न हो जाए। क्या हमारे बच्चों को सुरक्षित शिक्षा पाने का अधिकार नहीं है? जब तक यहाँ कोई स्थायी व्यवस्था नहीं होती, तब तक इन बच्चों की ज़िंदगी दाँव पर लगी रहेगी।"

 प्रशासन मौन

यह स्थिति साफ दर्शाती है कि जहाँ एक ओर सरकार शिक्षा को प्राथमिकता देने के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दुर्गम क्षेत्रों में आज भी बच्चों की शिक्षा पाने के लिए सुरक्षा का कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। 

नेलडोडा नदी का उफान हर रोज़ इन बच्चों के लिए यमराज की तरह खड़ा रहता है। आवश्यकता है कि प्रशासन इस अति-संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेते हुए, तत्काल पुल निर्माण का कार्य शुरू करे, ताकि अंजाड़ी (नेलडोडा) के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

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