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रायपुर: अंबेडकर अस्पताल रायपुर के सामने नियमों का खुला उलघन गरीबों और मजदूरों को भरपेट भोजन मात्र ₹5 में उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई, सर्वे में पाया यहाँ ₹10 की जगह ₹25 में थाली बेची जा रही

 

अंबेडकर अस्पताल रायपुर के सामने नियमों का खुला उलघन गरीबों और मजदूरों को भरपेट भोजन मात्र ₹5 में उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई, सर्वे में पाया यहाँ ₹10 की जगह ₹25 में थाली बेची जा रही

 विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ 

अन्नपूर्णा दाल भात.₹5 की जगह ₹25 में परोसी जा रही , अंबेडकर अस्पताल रायपुर के सामने नियमों का खुला उलघन गरीबों और मजदूरों को भरपेट भोजन मात्र ₹5 में उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई अन्नपूर्णा दाल-भात योजना में रायपुर में गंभीर अनियमितताएँ उजागर हुई हैं। राजधानी रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के सामने संचालित दाल-भात केंद्र में जब सर्वे किया गया, तो पाया गया कि यहाँ ₹10 की जगह ₹25 में थाली बेची जा रही है।


योजना की असलियत साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस योजना की शुरुआत की थी। मकसद था कि रिक्शा चालक, मज़दूर, फुटपाथ विक्रेता और गरीब वर्ग को सिर्फ ₹5 में भरपेट दाल, चावल, सब्जी, अचार और पापड़ उपलब्ध कराया जाए। योजना का संचालन महिला स्व-सहायता समूहों के जरिए होता रहा और राज्य सरकार द्वारा चावल व अनुदान की व्यवस्था की रही  मगर संचालित अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र में जाने से तो और कुछ नजारा देखने को मिला।

जमीनी हकीकत लेकिन अंबेडकर अस्पताल के सामने दाल-भात केंद्र पर दीवार पर टंगे बोर्ड में साफ लिखा है — “अन्नपूर्णा दाल-भात योजना, छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से संचालित। और ऊपर मोटे अक्षर में स्पष्ट ₹10 में भजन लिखा हुआ है दाल भात केंद्र के अंदर जाने पर”  जब भोजन की दरों की सूची देखी गई, तो लिखा था:


दाल-भात – ₹15


सब्जी-अचार – ₹5


रोटी – ₹5

कुल = ₹25



यानी गरीबों के लिए बनाई गई ₹5 की थाली को ₹25 में परोसा जा रहा है।


संचालकों का तर्क बनाम हकीकत


जब संवाददाता ने सवाल किया कि यह योजना तो ₹5 में चलनी चाहिए, इसे ₹25 में क्यों परोसा जा रहा है? तो संचालक ने कहा कि यह भगवान महावीर अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र (जैन समाज के सहयोग से) चलाई जा रही है। मगर वहीं ऊपर शासन का बोर्ड टंगा होने से यह साफ जाहिर होता है कि जनता को गुमराह कर पैसे वसूले जा रहे हैं।

 खुले आम शासन की योजना के बैनर तले अपनी योजना चलाई जा रही है जबकि नियम के विरुद्ध इस दाल भात केंद्र चलाने से या योजना दाल भात अन्नपूर्णा नहीं होनी चाहिए थी क्योंकि या एक प्राइवेट भोजनालय होटल की तरह चलाई जा रही है अलग दर रेट में और शासन के योजना के वोट तंग कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है जिसकी सूत और खबर लेने वाला तक कोई नहीं है 



सर्वे के दौरान कई रिक्शा चालकों और गरीब मजदूरों ने बताया कि पहले कम रेट में भोजन मिलता था तब बहुत अच्छा था अब इस दाल भात केंद्र में रेट बढ़ा दिया गया है और आइटम तो लगभग वही है बहुत पहले भी यह मिलता था और ₹25 दिया जा रहा है जिसमें सब्जी और रोटी होटल की तरह ₹5 की एक और अचार सब्जी दिया जाता है जो ₹25 दर से हम लोग देकर कहते हैं और या दाल भात संचालक केंद्र के द्वारा


₹25 वसूला जा रहा है। लोगों का कहना है कि “भाई, गरीब आदमी ₹25 रोज कहां से देगा? सरकार ने गरीबों के लिए बनाई योजना, लेकिन यहाँ फायदा कोई और उठा रहा है।” और सबसे बड़ी बात यह है कि यह रायपुर राजधानी अंबेडकर अस्पताल में मेकाहारा अस्पताल के सामने है जहां अस्पताल में दूर दराज से आने वाले पेशेंट मैरिज  की मजबूरी बनी रहती है भूख मिटाने की और जिसका फायदा सीधे इस अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र संचालक मलिक को होता है 


सवाल खड़े इस खुलासे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं: क्या शासन से अनुदान लेकर निजी संस्थाएं गरीबों से वसूली कर रही हैं?


सरकार के बोर्ड का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह क्यों किया जा रहा है? और सामने वोड पर ₹10 भरपेट लिखा है अंदर की लिस्ट में और कुछ अलग-अलग रेट पर लिखा है यह सब हम नहीं कहते हैं जो सामने बॉर्डर पर लिखा और अंदर वोट पर लिखा देखा और संचालक के द्वारा बताया गया और राहगीर और गरीब रिक्शा चालक ऑटो चालक के द्वारा बताया गया उसके मुताबिक या एक जानकारी और आंकड़े मिले हैं


गरीबों और मजदूरों के हक का सस्ता भोजन आखिर किसके जेब में जा रहा है?



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