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प्रयागराज: प्रयागराज में आजादी 1978 के बाद गंगा और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

 प्रयागराज में आजादी 1978 के बाद गंगा और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

ब्यूरो रिपोर्ट 

प्रयागराज में आजादी के बाद सदी की सबसे बड़ी बाढ़ 1978 के माह सितंबर में आई थी। इसमें गंगा का जलस्तर 88.390 मीटर और यमुना का जलस्तर नैनी में 87.990 मीटर तक पहुंच गया था।

बाढ़ से 251 गांव पूर्ण रूप से घिर गए थे। यमुना बैंक रोड से यमुना नदी का पानी नगर क्षेत्र में प्रवेश करने लगा था और बक्शी बांध में भी रिसाव शुरू हो गया था।


आजादी के बाद जिले में पहली बार बाढ़ वर्ष 1948 में आई थी। इसके बाद वर्ष 1956, वर्ष 1967, वर्ष 1971, वर्ष 1978, वर्ष 1983 में आई। इसके बाद वर्ष 2001, वर्ष 2013, वर्ष 2016, वर्ष 2019, वर्ष 2020, वर्ष 2021, वर्ष 2022 में भी बाढ़ का प्रकोप जिला झेल चुका है। 1978 के बाद 2013 में सबसे बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ था। उस दौरान गंगा का जलस्तर 86.820 और यमुना का जलस्तर 86.600 मीटर तक पहुंच गया था। इसमें जिले की सात तहसीलों के 233 गांव प्रभावित हुए थे। इस वर्ष आई बाढ़ में गंगा नदी का जलस्तर फाफामऊ में 86.11 मीटर पहुंच गया है जबकि यमुना का जलस्तर नैनी में 86.12 मीटर के करीब है। इस तरह से गौर करें तो वर्ष 2013 के आंकड़े के करीब दोनों नदियों का जलस्तर पहुंच गया है।


गंगा नदी की और दृश्य में कर्जन ब्रिज, नैनी ओल्ड ब्रिज और आजाद सेतु नजर आ रहा है

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