मानिकपुर में घर में भीषण आग, पटाखों के धमाकों से दहशत – तीन लोग गंभीर रूप से झुलसे
रिपोर्ट - पंकज तिवारी, TTN24 न्यूज़
दीपावली के पटाखे या छुपा अवैध कारोबार? प्रशासन की जांच के घेरे में इस्तियाक का ‘घरेलू गोदाम’चित्रकूट/मानिकपुर - बाल्मीकि नगर पूर्वी मोहल्ला बुधवार को अचानक पटाखों के तेज़ धमाकों से दहल उठा। दोपहर करीब 4 बजे एक घर में जोरदार धमाके के साथ आग लग गई। देखते ही देखते पूरा मोहल्ला धुएं और धमाकों की चपेट में आ गया। आग इतनी भयानक थी कि मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस और राजस्व विभाग मौके पर पहुंचे लेकिन दमकल की गाड़ी घंटों बाद पहुंची। मजबूरी में स्थानीय लोग और पुलिस ने मिलकर पाइपलाइन से पानी डालकर आग पर काबू पाया, तब तक घर पूरी तरह जल चुका था।
तीन लोग गंभीर रूप से झुलसे – हायर सेंटर रेफर
इस हादसे में घर के मुखिया इस्तियाक अहमद (62), उनकी पत्नी बानो बेगम (60) और बहू सबनम परवीन (35) बुरी तरह झुलस गए हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, इस्तियाक 50%, बानो 55% और बहू 15% तक झुलसी हैं।
सभी को मानिकपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
पटाखों के साथ ‘घर में बना गोदाम’, जांच के घेरे में दीपावली लाइसेंसधारी
घटना के बाद अपर पुलिस अधीक्षक सत्यपाल सिंह ने बताया कि इस्तियाक दीपावली में पटाखा बेचने का लाइसेंसधारी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि पटाखे घर के एक कमरे में रखे गए थे, जिसे गोदाम जैसा इस्तेमाल किया जा रहा था। आग अज्ञात कारणों से लगी है, जांच जारी है।
लेकिन सवाल ये उठते हैं: क्या ये पटाखे दीपावली से बचे हुए थे, या फिर बंद कमरे में अवैध निर्माण चल रहा था? क्या प्रशासन को इस कमरे की जानकारी थी? अगर यह लाइसेंसधारी था, तो क्या निरीक्षण और मापदंडों की पालना हुई थी? दमकल विभाग इतनी देर से क्यों पहुंचा? जिम्मेदारी किसकी है?
मोहल्ले में पसरा है डर, प्रशासन ने बढ़ाई जांच, छापेमारी शुरू - इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि धमाके इतने तेज़ थे कि जमीन कांप उठी। वहीं अब प्रशासन की नींद टूटी है। पटाखा लाइसेंस धारकों के यहां छापेमारी का दौर शुरू हो गया है। प्रशासन अब सक्रिय हुआ है, पर सवाल यही है - क्या अब तक प्रशासन ‘अनजान’ बना रहा या जानबूझकर ‘अनजान’ बना रहा है?
चित्रकूट के मानिकपुर जैसे क्षेत्रों में अगर घर के भीतर गोदाम बनाकर विस्फोटक रखे जा रहे हैं, तो यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक बड़ी चूक है।
क्या हर लाइसेंसधारी की ऐसे ही होगी पड़ताल? क्या अग्निशमन विभाग की लापरवाही पर कार्रवाई होगी?
हादसा या लापरवाही का नतीजा? ये कोई आम आग नहीं थी। ये उस प्रशासनिक सुस्ती की आग थी, जो कागज़ों में सुरक्षा तय करती है और ज़मीन पर लापरवाही छोड़ती है।
अब जरूरत है निष्पक्ष और कठोर जांच की - ताकि आने वाले समय में कोई और घर गोदाम न बने, कोई और धमाका किसी की जिंदगी न जला दे।