लोकेशन बोकारो से नेशनल हैड अधिवक्ता राजेश कुमार की कलम से
शीर्षक। बोकारो की धरती पर एक अनोखे उपायुक्त का आगमन: अजय नाथ
झाझारखंड के बोकारो जिले में एक नया सवेरा आया है, और इस सवेरे का नाम है अजय नाथ झा। बोकारो के 35वें उपायुक्त के रूप में कार्यभार संभालने वाले अजय नाथ झा ने अपने सादगी भरे व्यवहार, जनता के प्रति समर्पण और कार्य के प्रति लगन से न केवल प्रशासनिक हलकों में, बल्कि आम जनता के दिलों में भी अपनी खास जगह बना ली है। कुछ ही दिनों में उन्होंने बोकारो की धरती पर ऐसा इतिहास रच दिया है, जो शायद ही पहले कभी देखा गया हो। यह कहानी है एक ऐसे अधिकारी की, जो न केवल अपने पद की गरिमा को निभा रहे हैं, बल्कि जनता के सेवक बनकर उनके बीच एक मिसाल कायम कर रहे हैं।एक सादगी भरा नेतृत्वजब से अजय नाथ झा ने बोकारो के उपायुक्त का पद संभाला है, तब से उन्होंने अपने कार्यों से यह साबित कर दिया है कि सच्चा नेतृत्व वही है, जो जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनता है और उनके समाधान के लिए तत्पर रहता है। उनकी सादगी और हंसमुख स्वभाव ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। वह न तो अपने पद के अभिमान में डूबे हैं, न ही अपने कार्यालय की चारदीवारी में कैद रहते हैं। इसके बजाय, वह रात के सन्नाटे में भी लालपनिया जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुनते हैं। उनकी यह बात कि, “मैं वह उपायुक्त नहीं हूं, जो एसी कमरे में बैठकर हुक्म चलाए, मैं जनता का सेवक हूं,” उनके इरादों और उनके व्यक्तित्व की गहराई को दर्शाता है।लालपनिया की रात: एक अनोखा अनुभव14 जून 2025 की रात को अजय नाथ झा ने लालपनिया पंचायत के तिलैया गांव में जो चौपाल लगाई, वह बोकारो के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी। आधी रात को, जब अधिकांश लोग अपने घरों में सो रहे होते हैं, तब यह उपायुक्त ग्रामीणों के बीच पहुंचे और उनकी समस्याओं को सुना। लुगुबुरु, जो संताल आदिवासी समुदाय का पवित्र सांस्कृतिक स्थल है, वहां उनकी मौजूदगी ने न केवल आदिवासी समुदाय को बल्कि पूरे बोकारो को यह संदेश दिया कि वह हर वर्ग के लिए समान रूप से उपलब्ध हैं। उनकी यह पहल न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से अनूठी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि वह जनता के दुख-दर्द को समझने और उसका समाधान करने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं।जनता दरबार: समस्याओं का त्वरित समाधानअजय नाथ झा ने जनता दरबार को एक प्रभावी मंच बनाया है, जहां लोग अपनी समस्याएं सीधे उनके सामने रख सकते हैं। चाहे वह भूमि और राजस्व से संबंधित मामले हों, शिक्षा, स्वास्थ्य, या फिर सामाजिक कल्याण की योजनाएं, वह हर मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हैं। हाल ही में आयोजित एक जनता दरबार में उन्होंने 42 से अधिक लोगों की समस्याओं को सुना और कई मामलों का तुरंत समाधान किया। उनके निर्देश पर संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के लिए आदेश दिए गए, जिससे यह साफ हो गया कि वह केवल बातें नहीं करते, बल्कि परिणाम लाने में विश्वास रखते हैं।सामाजिक संवेदनशीलता और नेतृत्वअजय नाथ झा की खासियत उनकी सामाजिक संवेदनशीलता में भी झलकती है। हाल ही में, उन्होंने चंद्रपुरा की रियांशी चौधरी और रिधिमा चौधरी को 23वीं ऑल इंडिया टेन्शिनकान कराटे चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। इसके अलावा, उनके निर्देश पर तेनुघाट में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जहां उन्होंने लोगों से रक्तदान करने की अपील की। वह कहते हैं, “रक्तदान न केवल दूसरों की जान बचाता है, बल्कि यह शरीर को भी ऊर्जावान बनाता है।”एक अनोखा किस्सा: ड्राइवर को घर तक छोड़नाअजय नाथ झा की मानवीयता का एक और उदाहरण तब सामने आया, जब उन्होंने अपने रिटायर्ड ड्राइवर को खुद गाड़ी चलाकर उनके घर तक छोड़ा। यह छोटा-सा कार्य उनके बड़प्पन और जमीन से जुड़े स्वभाव को दर्शाता है। एक उपायुक्त, जो अपने ड्राइवर के प्रति इतनी संवेदनशीलता दिखाए, वह निश्चित रूप से जनता के प्रति भी उतना ही समर्पित होगा। यह घटना सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में रही, जहां लोगों ने उनकी सादगी और मानवीयता की जमकर तारीफ की।बोकारो के लिए एक नई उम्मीदअजय नाथ झा के नेतृत्व में बोकारो में विकास की नई संभावनाएं जाग रही हैं। चाहे वह गोमिया में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ विकास योजनाओं पर चर्चा हो, बकरीद जैसे त्योहारों के लिए शांति समिति की बैठक हो, या फिर शिक्षकों को स्कूलों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश, वह हर क्षेत्र में सक्रियता दिखा रहे हैं। उनकी यह सोच कि “विकास के लिए मिलजुलकर काम करना है” बोकारो को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का संकेत देती है।जनता की आवाज, सरकार से अपीलबोकारो की जनता और सोशल मीडिया पर लोग अजय नाथ झा को “लोकप्रिय उपायुक्त” कहकर संबोधित कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “पहली बार हमने ऐसा उपायुक्त देखा, जो न मंत्री की सिफारिश मांगता है, न विधायक का आदेश। वह सिर्फ जनता की आवाज सुनता है।” लोग मानते हैं कि अगर उन्हें लंबे समय तक बोकारो में सेवा करने का मौका मिले, तो वह इस जिले को एक चमकते सितारे की तरह स्थापित कर देंगे। जनता की यह भी मांग है कि झारखंड सरकार उनकी तबादली न करे, क्योंकि उनका जाना बोकारो के लिए एक बड़ा नुकसान होगा।निष्कर्ष: एक अवतार के रूप में अजय नाथ झाअजय नाथ झा बोकारो के लिए किसी अवतार से कम नहीं हैं। उनकी सादगी, कार्य के प्रति लगन, और जनता के प्रति संवेदनशीलता ने उन्हें एक आदर्श अधिकारी बनाया है। वह न केवल प्रशासनिक कुशलता का परिचय दे रहे हैं, बल्कि यह भी साबित कर रहे हैं कि सच्चा नेतृत्व वही है, जो लोगों के बीच रहकर उनकी सेवा करता है। बोकारो की जनता को उन पर गर्व है, और यह उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में बोकारो नई ऊंचाइयों को छूएगा। झारखंड सरकार से अपील है कि इस अनमोल रत्न को बोकारो में लंबे समय तक सेवा करने का अवसर दिया जाए, ताकि यह जिला विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित कर सके।बोकारो की धरती पर अजय नाथ झा जैसे उपायुक्त का आना, निश्चित रूप से एक स्वर्णिम युग की शुरुआत है।