अवैध खनन मुद्दा - 2
"धरोहरों पर डकैती!" खम्भेश्वर आश्रम व आदिमानव गुफाएं खनन माफियाओं की चपेट में…पंकज तिवारी, TTN24 न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट
मानिकपुर/चित्रकूट :- एक ओर सरकार विश्व धरोहरों को संरक्षित करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर मानिकपुर तहसील के खम्भेश्वर आश्रम क्षेत्र सहित आदिमानव सभ्यता की गुफाएं खनन माफियाओं के हथौड़ों की चोट झेल रही हैं।
सूत्रों के अनुसार तहसील मुख्यालय से महज़ कुछ ही दूरी पर स्थित खम्भेश्वर आश्रम के आस-पास का इलाका अवैध खनन का अड्डा बन चुका है। यह वही इलाका है, जहां हजारों साल पुरानी गुफाएं आदिमानव सभ्यता की चुप कहानियां कहती थीं। अब वे गुफाएं या तो खंडित हो चुकी हैं या माफियाओं के लालच की भेंट चढ़ चुकी हैं।स्थानीय ग्रामीणों और इतिहास प्रेमियों में इसको लेकर जबरदस्त आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो यह क्षेत्र न केवल ऐतिहासिक धरोहरों से वंचित हो जाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियां भी अपनी जड़ों से कट जाएंगी।प्रशासन मौन, माफिया सक्रिय - इतिहासकारों का मानना है कि खम्भेश्वर क्षेत्र की गुफाएं पाषाण युगीन सभ्यता से जुड़ी हैं और इनका वैज्ञानिक, सांस्कृतिक व पुरातात्विक महत्व विश्व स्तर का है। बावजूद इसके, प्रशासन की नाक के नीचे यहां बिना रोकटोक के हथौड़े और ट्रैक्टर-ट्रॉली दिन-रात धरती को चीर रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग :- तत्काल खनन पर रोक लगे। दोषियों पर हो सख्त से संख्त कार्रवाई हो और क्षेत्र को संरक्षित धरोहर घोषित किया जाए
अब सवाल यह है - क्या प्रशासन इन धरोहरों को बचाने के लिए जागेगा या खामोशी से इतिहास को बर्बाद होते देखता रहेगा?