उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह की अनूठी पहल, अस्पताल से छुट्टी देने से पूर्व मिलेगा नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र
अस्पताल से छुट्टी देने से पूर्व नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाए- कलेक्टर उज्जैन
*बच्चे का नाम बाद मे जुड़वा सकते हे और यदि बच्चे का नाम माता पिता उसी समय निर्धारित कर लेते हे तो जन्म प्रमाण पत्र मे जोड़ दिया जायगा*
रिपोर्ट गोपाल अंजना
उज्जैन कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने नगर निगम,समस्त जनपद पंचायत, सी.ई.ओ., समस्त सी.एम.ओ., प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं समस्त रजिस्ट्रार (जन्म मृत्यु) को निर्देश दिये हैं कि अस्पताल से छुट्टी देने से पूर्व नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाये।उल्लेखनीय है कि जन्म प्रमाण-पत्र के बढ़ते महत्व को देखते हुए कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिये हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि, किसी भी शासकीय अस्पताल या स्वास्थ्य संस्थान से माँ को छुट्टी (डिस्चार्ज) देने से पूर्व ही नवजात शिशु का जन्म प्रमाण-पत्र जारी किया जाए।
जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने के पूर्व कुछ आवश्यक बिन्दुओं का ध्यान रखा जाये
कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश अनुसार प्रसूति कक्ष प्रभारी, जन्म-मृत्यु शाखा प्रभारी एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के मध्य समन्वय स्थापित किया जावे, ताकि प्रसूता एवं परिजन को जन्म प्रमाण-पत्र के संबंध में अनावश्यक परेशानी का सामना ना करना पड़े। शिशु के जन्म के पश्चात एवं माँ की अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पूर्व ही परिजन को जन्म प्रमाण-पत्र दिया जाना सुनिश्चित किया जावे। जन्म प्रमाण-पत्र में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो, इसके लिए माता-पिता की पहचान से संबंधित आवश्यक दस्तावेज (आधारकार्ड / समग्र आईडी / वोटर आईडी इत्यादि) के आधार पर, माता-पिता का नाम, उपनाम, स्थाई पता, अन्य कॉलम की प्रविष्टि की जावे एवं जन्म प्रमाण-पत्र प्रदान करते समय उक्त प्रविष्टि की जाँच संबंधित माता-पिता से करवाई जावे।
परिजन को सलाह दी जाये कि, शिशु का नाम उस समय रखना आवश्यक नहीं है। यदि फिर भी यह शिशु के नाम सहित जन्म प्रमाण-पत्र प्राप्त करना चाहते हैं तो माता व पिता दोनों की सहमति का एक आवेदन पत्र लिया जावे, जिसमें यह लिखा जावें कि भविष्य में शिशु का नाम परिवर्तन नहीं किया जावेगा। परिसर में जन्म प्रमाण-पत्र की उपयोगिता से संबंधित नोट भी चस्पा किया जावे ताकि आमजन में जन्म प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जा सके। चिकित्सालय परिसर में रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के द्वारा आवश्यक निर्देश का बोर्ड लगाया जावे, जिस पर नोट अंकित किया जावे:- "प्रत्येक परिजन द्वारा शिशु के जन्म के पश्चात एवं माता के हॉस्पिटल से डिस्चार्ज से पूर्व जन्म प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक है।"
शिशु के जन्म प्रमाण-पत्र में स्थाई पते के कॉलम में माता-पिता का स्थाई पता उनके दस्तावेज के आधार पर अंकित किया जावे। जन्म प्रमाण-पत्र बनाते समय उक्त सावधानियों का पालन आवश्यक रूप से किया जावे ताकि, भविष्य में शिशु/माता-पिता का नाम या पता संशोधन / परिवर्तन संबंधी आवेदन / शिकायत प्राप्त ना हों।