*क्या आपके आसपास भी दिखायी देते हे सर्प तो हों जाईये सावधान*
संवाददाता गोपाल आँजना उज्जैन
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उज्जैन डॉ. अशोक कुमार पटेल ने बताया कि वर्षा ऋतु में सर्पदंश की घटनाएं सामान्यतः बढ़ जाती हैं, क्योंकि इस मौसम में विषैले जीव-जंतु अधिक सक्रिय हो जाते हैं और अक्सर मानव बस्तियों के पास आ जाते हैं।इसलिए जिलेवासियों से अपील की जाती है कि बरसात के मौसम में विशेष सतर्कता रखें और यदि सर्पदंश की घटना हो, तो बिना विलंब के पीड़ित को निकटतम शासकीय स्वास्थ्य संस्था में लेकर जाएं, ताकि समय पर उचित उपचार मिल सके।
जिले के अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (PHC) तथा जिला चिकित्सालय में सर्पदंश के उपचार हेतु एन्टी स्नेक वेनम (ASV) की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
🐍 सावधानी बरतें, जीवन बचाएं:
- सर्पदंश से बचने के लिए मजबूत जूते, मोजे और लंबी पतलून पहनें।
- टॉर्च लेकर चलें, विशेषकर रात में और बारिश के दौरान।
- जूते-कपड़े पहनने से पहले झाड़ें।
- जमीन पर सोने से बचें, मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- घर/आंगन में घास व झाड़ियां नियमित रूप से साफ कराएं।
🧪 सर्पदंश के लक्षणों पर ध्यान दें:
- सूजन, दर्द, उल्टी, बेहोशी, सांस में तकलीफ, नजर धुंधलाना
- शरीर में सुन्नता, बोलने या आंखें खोलने में कठिनाई
- घाव से खून, त्वचा का रंग बदलना या अंगों का काला पड़ना
🚑 सर्पदंश के समय क्या करें:
✅ पीड़ित को शांत रखें, घाव को स्थिर व खुला रखें
✅ अस्पताल जल्दी से जल्दी पहुंचाएं
✅ सांप की पहचान की कोशिश करें (रंग/आकार)
❌ घाव को न काटें या चूसें
❌ बर्फ, शराब या घरेलू इलाज का प्रयोग न करें
❌ झाड़-फूंक या ओझा-तांत्रिक पर भरोसा न करें
👉 नि:शुल्क 108 संजीवनी एम्बुलेंस सेवा का लाभ अवश्य लें।
जिला स्वास्थ्य समिति, उज्जैन द्वारा अनुरोध है कि इस जनहित सूचना को अधिक से अधिक प्रसारित किया जाए ताकि समय पर उपचार द्वारा अमूल्य जीवन की रक्षा की जा सके।
"सावधानी ही सुरक्षा है!"