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जौनपुर: पिछड़ों, दलितों के मसीहा और आरक्षण के जनक थे छत्रपति शाहूजी महाराज:- राकेश मौर्य

 *पिछड़ों, दलितों के मसीहा और आरक्षण के जनक थे छत्रपति शाहूजी महाराज:- राकेश मौर्य*


पीड़ित व्यापारियों से मिलने पहुंचे विधानसभा में नेता विरोधी दल माताप्रसाद पाण्डेय और विधान परिषद में नेता विपक्ष लालबिहारी यादव पर हमले की निंदा करते हैं:- लालबहादुर यादव 


हुबलाल यादव (जौनपुर )

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल की प्रेरणा से समाजवादी पार्टी जौनपुर के तत्वाधान में महान शासक, आरक्षण के जनक, सामाजिक न्याय के प्रतीक, छत्रपति शाहूजी महाराज जी की जयंती सांसद जौनपुर कार्यालय नईगंज में समारोह पूर्वक मनाई गई।

सर्वप्रथम उपस्थित सपाजनों ने छत्रपति शाहूजी महाराज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर सभी का अभिवादन किया तथा गोष्ठी आयोजित कर उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों का वर्णन किया।

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज मराठा के भोसले राजवंश के राजा और कोल्हापुर की भारतीय रियासतों के महाराजा थे, वो लोकतांत्रिक और सामाजिक सुधारक रहे। उनका जन्म 26 जून 1874 में हुआ था। उनके बचपन का नाम यशवंत राव था। उनके पिता का नाम श्रीमंत जयसिंह राव आबासाहब घाटगे था। छत्रपति शाहू ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने राजा होने के बावजूद दलित और शोषित वर्ग के कष्ट को समझा और उनसे हमेशा निकटता बनाए रखी। शाहू जी महाराज ने दलित वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने गरीब छात्रों के लिए छत्रावास स्थापित किए और बाहरी छात्रों को शरण प्रदान करने के आदेश दिए। ईमानदारी से उनके शासन के दौरान ‘बाल विवाह’ पर प्रतिबंधित लगाया गया था। उन्होंने पुनर्विवाह को कानूनी मान्यता दी थी। समाज के किसी भी वर्ग से उन्हें किसी तरह का द्वेष नहीं था।शाहू जी महाराज के मन में दलित वर्ग के प्रति गहरा लगाव था। दलितों की दशा में बदलाव लाने के लिए उन्होंने दो ऐसी विशेष प्रथाओं का खात्मा किया। पहला, 1917 में उन्होंने 'बलूतदारी' प्रथा का अंत किया था। इसके तहत किसी अछूत को थोड़ी सी जमीन देकर उससे और उसके परिवार वालों से पूरा गांव मुफ्त सेवाएं लेता था। 

दूसरा, 1918 में उन्होंने कानून बनाकर राज्य की एक और पुरानी प्रथा 'वतनदारी’ का अंत किया। भूमि सुधार करके उन्होंने महारों को भू-स्वामी बनने का हक दिलाया। सन 1902 में शाहू जी महाराज इंग्लैंड गए थे। वहीं से उन्होंने एक आदेश जारी करके कोल्हापुर के अंतर्गत शासन-प्रशासन के 50 प्रतिशत पदों को पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित कर दिया था।

उनके इस सामाजिक न्याय को पीडीए समाज सदैव याद रखेगा।

गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायक लालबहादुर यादव ने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज चाहते थे कि समता समानता और बराबरी लाई जाए उसी क्रम में उन्होंने समान रूप से पिछड़े, दलित, शोषित समाज को रोटी, कपड़ा, मकान और हक अधिकार दिलाने का काम किया।

उन्होंने कहा कि कल गोरखपुर मुख्यमंत्री के गृह जिले में पीड़ित व्यापारियों से मिलने गए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे एवं विधान परिषद में नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव के ऊपर सामंतवादियों द्वारा किए गए तानाशाही पूर्ण हमले की जौनपुर समाजवादी पार्टी निंदा करती हैं।

गोष्ठी को हीरालाल विश्वकर्मा, डॉक्टर रामसूरत पटेल, श्रवण जायसवाल, राहुल त्रिपाठी अशोक यादव, दिनेश यादव फौजी, अनवारुल हक गुड्डू, वीरेंद्र यादव, हरिश्चंद्र प्रभाकर आदि ने संबोधित किया। 

गोष्ठी में वरिष्ठ नेता राजनाथ यादव, गुलाब यादव, डॉक्टर मनोज यादव राहुल यादव उमाशंकर चौरसिया, अशोक यादव नायक, आनंद गुप्ता, भानु मौर्य, संतोष गुप्ता, अमित कुमार गुप्ता, दिलीप कुमार गुप्ता, अच्छेलाल गुप्ता, अंकित शुक्ला, लालू यादव, दिलीप कनौजिया अमजद अंसारी शाहिद सैकड़ो सपाजन उपस्थित रहे। 

गोष्ठी का संचालन जिला महासचिव आरिफ हबीब ने किया।

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