लोकेशन बोकारो से ब्यूरो रिपोर्ट
शीर्षक। बोकारो रजिस्ट्री ऑफिस: लापरवाही का अड्डा, आम जनता की परेशानी का सबब बोकारो रजिस्ट्रीसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बोकारो रजिस्ट्री ऑफिस की स्थिति आज किसी से छिपी नहीं है। यहाँ के रजिस्ट्रार साहब का रवैया और कार्यशैली आम लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन रही है। समय पर ऑफिस न पहुँचना, छोटे-मोटे कामों को नजरअंदाज करना, और सिर्फ़ मोटी रकम वाली रजिस्ट्रियों पर ध्यान देना—यह सब यहाँ की रोज़मर्रा की कहानी है। दलालों का बोलबाला और अधिकारियों की उदासीनता ने इस कार्यालय को जनता के लिए सिरदर्द बना दिया है।एक साधारण सर्टिफाइड कॉपी पर हस्ताक्षर जैसा छोटा काम, जो बैंकों के लिए बेहद ज़रूरी है, यहाँ के रजिस्ट्रार के लिए महत्वहीन है। क्या उन्हें यह नहीं पता कि उनके एक हस्ताक्षर के बिना बैंकों के कितने काम अटक जाते हैं? जमीन की सर्टिफाइड कॉपी और एनसी के अभाव में उद्यमियों को समय पर लोन नहीं मिल पाता। नतीजा? ना तो लोग अपने सपनों का घर बना पाते हैं, ना ही उद्योग शुरू कर पाते हैं। यह लापरवाही सिर्फ़ व्यक्तियों को ही नहीं, बल्कि पूरे जिले की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है।बोकारो रजिस्ट्री ऑफिस में बेनामी संपत्तियों का बंदरबाँट और दलालों का जाल आम आदमी को परेशान कर रहा है। क्या यह स्थिति बैंकों को डूबने की कगार पर नहीं ला सकती? अगर यही हाल रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए बैंकों की ओर देखना ही छोड़ देंगे।
डीसी महोदय से अपील: इस गंभीर स्थिति पर तुरंत संज्ञान लें। रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारियों की जवाबदेही तय करें और सख्त कार्रवाई करें। सरकार को भी चाहिए कि जमीन से जुड़े कार्यालयों में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करे। बोकारो के डीसी जैसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी से प्रेरणा लेकर इन लापरवाह अफसरों को सबक सिखाने की ज़रूरत है।आम जनता की पुकार: रजिस्ट्री ऑफिस को जनता की सेवा का केंद्र बनाइए, न कि दलालों और लापरवाही का अड्डा। छोटे-मोटे कामों को महत्व दीजिए, क्योंकि यही छोटे काम किसी के बड़े सपनों की नींव हैं।