क्राइम ब्यूरो_मोहम्मद अहमद
जिला बाराबंकी
*समर कैंप योजना में शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर, बच्चों को बंद स्कूलों के बाहर करना पड़ा इंतज़ार*पूरेडलई, बाराबंकी। प्रदेश सरकार जहां एक ओर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप जैसे रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग की लापरवाही और स्थानीय स्तर पर अमल में आई उदासीनता इन प्रयासों पर पानी फेरती नज़र आ रही है। शासन की मंशा स्पष्ट है — विद्यार्थियों को पढ़ाई के अतिरिक्त जीवन कौशल, योग और खेल जैसी गतिविधियों से जोड़कर उनका समग्र विकास सुनिश्चित करना, परंतु कई विद्यालयों में समय पालन, शिक्षक उपस्थिति और गतिविधि संचालन जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं ही चरमरा गई हैं। यही कारण है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ज़मीनी स्तर पर लापरवाही की भेंट चढ़ती दिख रही है। मंगलवार सुबह पूरेडलई ब्लॉक के कई उच्च प्राथमिक विद्यालय समय से नहीं खुले। शासन के निर्देश के अनुसार सभी विद्यालयों को सुबह 7 बजे तक खुल जाना चाहिए था और संबंधित शिक्षक व स्टाफ को समय से उपस्थित रहना अनिवार्य था। लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग नज़र आई। 8:20 तक सुखीपुर, पंसारा, चंदामाऊ, नूरपुर, फत्ता पुर में शिक्षक नहीं पहुंचे। बेलखरा विद्यालय के छात्रों ने बताया कि वे समय से स्कूल पहुँच गए थे, लेकिन शिक्षक विद्यालय नहीं आए। उन्होंने लगभग आधे घंटे तक इंतज़ार किया, लेकिन जब कोई नहीं आया तो उन्हें लौटना पड़ा। सुखीपुर के छात्रों ने बताया कि वे भी निर्धारित समय पर पहुंचे थे, परंतु गेट न खुलने के कारण एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। कई बच्चों को बिना किसी गतिविधि के खाली हाथ घर लौटना पड़ा, जिससे उनमें निराशा देखी गई। खंड शिक्षा अधिकारी मनीराम का कहना है कि शिकायत मिली है नोटिस जारी करके जवाब मांगा जाएगा।