दरभंगा/बिहार
ब्यूरो चीफ बिहार राजेश कुमार मिश्रा।
*भारत विकास परिषद् , भारती- मंडन शाखा, दरभंगा की कार्यकारिणी समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित**शीघ्र होगा सत्र 2025-26 के लिए नयी कार्यकारिणी समिति का चुनाव, चलाया जाएगा सदस्यता विस्तार अभियान*
*अपने पेंशन से 25% राशि शिक्षा- विस्तार एवं सामाजिक सेवा कार्य में व्यय करने हेतु मैं संकल्पित- डॉ जगत नारायण*
1963 में स्थापित राष्ट्र स्तरीय गैर राजनीतिक समाजसेवी संगठन भारत विकास परिषद् की 2020 से संचालित भारती- मंडन शाखा, दरभंगा की कार्यकारिणी समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक शाखा के अध्यक्ष अनिल कुमार की अध्यक्षता में दरभंगा के रेडियो स्टेशन रोड स्थित डॉ जगत नारायण नायक के कार्यालय में हुई, जिसमें अध्यक्ष- अनिल कुमार, सचिव- डॉ आर एन चौरसिया, उपाध्यक्ष- डॉ ए पी यादव, महिला संयोजक- डॉ अंजू कुमारी, सदस्य- प्रो पीसी मिश्र, डॉ जगत नारायण नायक, डॉ सिया राम प्रसाद, डॉ विनय शंकर, डॉ भारत कुमार मंडल, मंटून कुमार यादव एवं गुड़िया कुमारी, अरुण कुमार, भरोसी पंडित, उत्पल गोस्वामी, अनिल चौधरी, आयुष कुमार, आरजू, डॉ डीके झा, मनमोहन सरावगी, डॉ सुशील पूर्वे, डॉ बी मिश्रा, डॉ गीतेन्द्र ठाकुर, डॉ डीके मिश्रा, डॉ शंभू नाथ महथा, डॉ जीएम मिश्रा तथा विजय कुमार पासवान सहित अन्य अनेक लोगों ने भाग लिया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सत्र 2025-26 के लिए कार्यकारी समिति का चुनाव शीघ्र ही कराया जाएगा। साथ ही शाखा की मजबूती हेतु दरभंगा में सदस्यता विस्तार अभियान भी चलाया जाएगा। बैठक में शाखा की महिला सक्रियता पर भी गहन विचार किया गया और निर्णय लिया गया कि इसमें महिलाओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़कर सामाजिक जागरूकता एवं विकासात्मक कार्यों को आगे बढ़ाया जाए। वहीं दधिचि देहदान समिति की दरभंगा शाखा से संकल्प पत्र प्राप्त कर परिषद् के सदस्यों एवं अन्य इच्छुक सामाजिक व्यक्तियों द्वारा अधिक से अधिक भरवाया जाए, ताकि जरूरतमंदों को समय पर मदद मिल सके।अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि भारत विकास परिषद् संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा एवं समर्पण नामक पांच सूत्रों पर सामाजिक काम कर गरीबों एवं जरूरतमंदों को विकास की मुख्य धारा में लाता है। यह सामाजिक सरोकारों से जुड़ी संस्था है। सचिव डॉ आर एन चौरसिया ने बताया कि परिषद् समाज के प्रबुद्ध एवं समृद्ध व्यक्तियों का संगठन है जो संस्कार एवं सेवा के माध्यम से भारतीय संस्कृति पर आधारित समाज-निर्माण का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य स्वस्थ, समर्थ एवं संस्कारित भारत का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि भारत में परिषद् के 1500 से अधिक शाखाएं हैं, जिनमें 70000 से अधिक परिवार सदस्य के रूप में अपना सामाजिक सहयोग दे रहे हैं।
दधिचि देहदान समिति, दरभंगा के मनमोहन सरावगी ने बताया कि एक नेत्रदान से दो व्यक्तियों को आंखों की रोशनी मिलती है। इसमें मृत व्यक्ति की पूरी आंख नहीं, बल्कि सिर्फ कार्निया ही ली जाती है। यह समिति राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत है जो मरणोपरांत व्यक्ति का नेत्रदान, अंगदान तथा मेडिकल छात्रों के अध्ययन के लिए देहदान भी करती है। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति द्वारा संकल्प पत्र भरायी जाती है, जिसमें उनके दो रक्त या विवाह संबंधी सदस्यों की भी लिखित सहमति ली जाती है। ऐसे महादानी व्यक्ति मरणोपरांत अपने नेत्र, बाल, त्वचा, किडनी, लंग्स, हर्ट आदि का भी दान कर सकते हैं। समिति ऐसे व्यक्तियों को प्रशंसा पत्र तथा दान पूर्ण होने के पश्चात् उनके परिवार के सदस्यों को सम्मानित भी करती है।
डॉ जगत नारायण नायक ने कहा कि भारत विकास परिषद् को दरभंगा में सक्रिय किया जाए। इसके लिए मैं तन, मन और धन से तैयार हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे माता- पिता काफी दानशील थे। परिषद् द्वारा नेत्र, दन्त तथा अन्य चिकित्सा संबंधी शिविर आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने घोषणा की कि मैं अपने पेंशन राशि का 25% शिक्षा- विस्तार एवं सामाजिक सेवा के कार्यों में व्यय करूंगा। बैठक की शुरुआत राष्ट्रगीत से, जबकि समापन राष्ट्रगान से हुआ। डॉ विनय शंकर के संचालन में आयोजित बैठक में अतिथियों का स्वागत डॉ अवधेश प्रसाद यादव ने, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ भारत कुमार मंडल ने किया।