क्राइम ब्यूरो_मोहम्मद अहमद
जिला बाराबंकी
*🔱 गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य समापन, धार्मिक उल्लास, वैदिक अनुष्ठानों और आस्था की अनुपम छटा के बीच कार्यक्रम सम्पन्नटिकैतनगर, बाराबंकी। बुधवार: सरयू नदी के पावन तट पर स्थित 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के दिव्य तीर्थ स्थल गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य समापन बुधवार को विधिपूर्वक हुआ। श्रद्धा, संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना के इस अद्वितीय संगम में हजारों श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। महोत्सव के अंतिम दिन वेदी पूजन, शिखर पूजन, न्याय वेदी पूजन, महा रुद्राक्ष अभिषेक तथा प्रतिष्ठा अनुष्ठान जैसे गूढ़ वैदिक कर्मकांडों का आयोजन संपन्न हुआ। समस्त वातावरण मंत्रोच्चार, धूप-दीप और रुद्राभिषेक की दिव्यता से गुंजायमान रहा। विशेष रूप से रुद्राक्ष से हुआ महाभिषेक श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत आध्यात्मिक अनुभव बन गया। राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने आचार्यों के सान्निध्य में भगवान गुप्तेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया तथा हवन में आहुति अर्पित कर जनकल्याण की कामना की। उन्होंने महाप्रसाद वितरण में भी भाग लिया और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया, जिससे उनकी जनसंपर्क भावना और विनम्रता स्पष्ट झलकी।
*🔹 गुप्तेश्वर धाम: तीर्थ के रूप में एक नई पहचान*गुप्तेश्वर महादेव मंदिर न केवल प्राचीन शिवधाम है, बल्कि यह तीव्र गति से एक उभरते हुए तीर्थ स्थल के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कर रहा है। शांतिपूर्ण वातावरण, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण यह स्थल 84 कोसी परिक्रमा का महत्वपूर्ण पड़ाव है। राज्य मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “ऐसे पावन स्थलों का विकास समाज में श्रद्धा, एकता और सांस्कृतिक चेतना को सुदृढ़ करता है। गुप्तेश्वर धाम एक विशिष्ट आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र के रूप में उभर रहा है, जो समूचे उत्तर भारत के धार्मिक मानचित्र पर विशेष स्थान बना रहा है।”
*🔹 मुख्य आचार्य का संदेश: शिवत्व को जीवन में उतारें*
कार्यक्रम के अंतिम चरण में मुख्य आचार्य डॉ. महीधर शुक्ल महाराज ने ‘शिवत्व’ पर आधारित गहन प्रवचन दिया। उन्होंने कहा, “शिव केवल पूजनीय देवता नहीं, बल्कि एक चेतना हैं – जीवन जीने की कला हैं। जब श्रद्धा और संयम हमारे कर्म में होता है, तभी शिवत्व का प्राकट्य होता है।” उन्होंने युवाओं से धर्म, संस्कृति और अध्यात्म से जुड़ने का आग्रह किया, ताकि जीवन में संतुलन और समाज में संस्कार का विकास हो सके।
*🔹 श्रद्धालु और गणमान्यजन रहे उपस्थित*
इस अवसर पर पुरुषोत्तम तिवारी, कप्तान तिवारी, नंदकिशोर पांडेय, संत कुमार उपाध्याय, वीरेंद्र पांडेय, लीलाधर मिश्रा, आदेश जैन, राकेश शुक्ला, शिवकुमार दीक्षित, लाल जी पांडेय, अशोक सिंह सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।