जैन शिक्षण शिविर की तैयारियाँ प्रारंभ, आगंतुक विद्वानों ने साझा की विशेषताएँ
रिपोर्ट मनोज कुमार
जसवंतनगर/इटावा: विगत 19 वर्षों से नगर में अनवरत आयोजित हो रहे जैन शिक्षण शिविर की तैयारियाँ इस वर्ष भी पूरे उत्साह के साथ प्रारंभ हो चुकी हैं। आगामी 6 जून से 14 जून तक श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में इस शिविर का आयोजन सकल जैन समाज के सहयोग से भव्य रूप में किया जाएगा।शिविर की तैयारी को लेकर उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश से पधारे विद्वानों ने मंदिर पहुंचकर आयोजकों को दिशा-निर्देश दिए और अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए। इस अवसर पर विद्वानों ने कहा कि जीवन में संस्कारों का अत्यधिक महत्व है। बच्चों में प्रारंभिक अवस्था से ही नैतिक मूल्यों का बीजारोपण आवश्यक है, जिससे वे जीवन में सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर अग्रसर हो सकें।
उन्होंने नगर में नियमित रूप से संचालित हो रही जैन पाठशाला की भी सराहना करते हुए आयोजकों और छात्रों की प्रशंसा की। विद्वानों ने इसे समाज के लिए एक अनुकरणीय पहल बताया।
शिविर प्रभारी निकेतन जैन ने जानकारी दी कि यह आयोजन केकेपीएस उज्जैन, श्री कुंदकुंद स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट एवं अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन भिंड के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। विद्वान पं. अंकुर शास्त्री एवं पं. प्रिंस शास्त्री ने बताया कि मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के सैकड़ों नगरों में एक साथ यह शिविर आयोजित होता है, जिसमें देशभर से 300 से अधिक विद्वान 15,000 से अधिक बच्चों को जैन संस्कारों से समृद्ध करते हैं।
इस शिविर में बच्चों को न केवल धार्मिक शिक्षाएं दी जाती हैं, बल्कि पाठ्यक्रम से संबंधित सभी सामग्री भी पूर्णतः नि:शुल्क प्रदान की जाती है। कार्यक्रम में महिला मुमुक्षु मंडल एवं सकल जैन समाज की गरिमामयी उपस्थिति रही।