जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी से रेत माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे है।
रिपोर्टर/ स्वतंत्र नामदेव कांकेर ब्यूरो
नाम ना छापने के शर्त पर ग्रामीणों ने बताया स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा राजनांदगांव के ठेकेदार अग्रवाल कंस्ट्रक्शन से मोटी रकम लेकर जेसीबी मशीन एवं हाइव का उपयोग कर रेत उत्खनन किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए शासन प्रशासन को अवैध रेत परिवहन की जानकारी दी परंतु जिम्मेदार अधिकारी मौके स्थल पर नहीं पहुंचे और ना ही रेत तस्करी को रोकने के लिए माफिया के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई। जिसके चलते रेत माफियाओं के हौसले बुलंद है।
जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी से रेत माफियाओं को अपनी गतिविधियां जारी रखने का साहस मिल रहा है।
रेत की अवैध तस्करी से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि सरकारी राजस्व को भी चूना लगाया जा रहा है। रेत माफियाओं की गतिविधियों से नदी के किनारे और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिम्मेदार अधिकारियों से रेत माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है।
उनका कहना है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई, तो रेत माफियाओं की गतिविधियां और भी बढ़ जाएंगी और पर्यावरण और सरकारी राजस्व को और भी नुकसान पहुंचेगा।
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पखांजूर अंजोर सिंह पैकरा से बात करने पर उन्होंने बताया मेरे पास ग्रामीणों का फोन आया था रात का समय होने के कारण मैं घटना स्थल पर जाना मुनासिब नहीं समझा रेत माफियाओं द्वारा आईएएस अधिकारियों के ऊपर गाड़ियां चढ़ा दी जाती है मैं तो छोटा कर्मचारी हूं परतापुर अति संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण कुछ भी घटनाएं घटने की संभावना थी, मैंने सुबह होने के बाद पता शाजी किया तो सभी गाड़ियां मौके स्थल से जा चुकी थी, थाना प्रतापपुर के सामने से रेत भरी गाड़ियां चलती है थाना प्रभारी को इस पर कार्यवाही करनी थी।
थाना प्रभारी परतापुर से बात करने पर उन्होंने बताया कि मैं क्षेत्र से बाहर था अपनी टीम को मौके स्थल पर भेजा था हमारी टीम जब पहुंची तो ग्रामीण ने कहा हमने एसडीएम को फोन किया है हम उन्हीं को गढ़िया सुपुर्द करेंगे।
परतापुर घाट से अवैध रेट उत्खनन में जिम्मेदार अधिकारी अपना अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है, जिसका सीधा नुकसान पर्यावरण एवं क्षेत्रीय ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है।