Type Here to Get Search Results !
BREAKING
विज्ञापन
TTN24 न्यूज चैनल समस्त राज्यों से डिवीजन हेड, मार्केटिंग हेड एवं ब्यूरो रिपोर्टर बनने के लिए शीघ्र संपर्क करें — 📞 +91 9956072208, +91 9454949349, ✉️ ttn24officialcmd@gmail.com — साथ ही चैनल की फ्रेंचाइजी एवं TTN24 पर स्लॉट लेने के लिए संपर्क करें — 📞 +91 9956897606 — ☎️ 0522 3647097 | आपका पसंदीदा हिंदी न्यूज चैनल TTN24 अब उपलब्ध है सभी डिजिटल केविल नेटवर्क पर — जिओ टीवी, जिओ फाइबर चैनल नंबर 543, टाटा प्ले चैनल नंबर 2075, E-star डिजिटल केविल चैनल नंबर 201, DTH लाइव टीवी, स्मार्ट टीवी, एवं सभी एंड्रॉइड बेस्ड ओटीटी प्लेटफार्म एवं यूट्यूब फेसबुक Live 24x7. चैनल से जुड़ने के लिए शीघ्र संपर्क करें — 📞 +91 9956072208 | Head Office : llnd Floor Regency Tower, Shivaji Marg, Hussainganj, Lucknow (U.P.) 226018. Managing Director : Avneesh Dwivedi — 📞 +91 9956072208, +91 9794009727. समाचार, विज्ञापन एवं चैनल में किसी प्रकार की शिकायत एवं सुझाव के लिए कॉल करें — 📞 +91 9956072208

महाकुम्भनगर: विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी लगा चुके है महाकुम्भ में डुबकी : मुख्यमंत्री

 


विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी लगा चुके है महाकुम्भ में डुबकी : मुख्यमंत्री

- प्रयागराज में कांची कामकोटि पीठ द्वारा आयोजित महाकुम्भ मेला महोत्सव में शामिल हुए सीएम योगी

 मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुम्भ में शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती का किया स्वागत

- कांची कामकोटि शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने की महाकुम्भ की व्यवस्थाओं की सराहना

बोले योगी, सनातन धर्म से जुड़े किसी भी आयोजन को प्रण-प्राण से जुटकर बनाएंगे सफल

- कांची कामकोटि का प्रभाव पूरे विश्व में सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करता है : सीएम योगी

- सरकार और जनता की सहभागिता से आयोजित हुआ इतना बड़ा महाआयोजन : शंकराचार्य

 सनातन संस्कृति ही है विश्व की आदर्श संस्कृति : शंकराचार्य

महाकुम्भ नगर, 23 फरवरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को महाकुम्भ नगर में पहुंचकर साधु-संतों से भेंट की। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ में अब तक विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी स्नान कर चुके हैं, जो सनातन संस्कृति की अद्वितीय आस्था और शक्ति को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री सबसे पहले विष्णुस्वामी संप्रदाय की सतुआ बाबा पीठ पहुंचे, जहां उन्होंने महामंडलेश्वर संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ से भेंट की। इसके बाद वे श्री कांची कामकोटि पीठ के शिविर में पहुंचे और शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने कांची पीठ के पूर्व शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर आरती उतारी। वहीं शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की और 60 करोड़ से अधिक सनातनियों के महाकुम्भ में स्नान करने को भी सराहा। 

सनातन धर्म की मजबूती में कांची कामकोटि पीठ की अहम भूमिका: सीएम योगी

सीएम योगी ने कांची कामकोटि पीठ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस पूज्य पीठ की परंपरा ने सनातन धर्म के जनजागरण और अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि जब भी सनातन धर्म के सामने कोई संकट आया, कांची पीठ ने आगे बढ़कर उसका समाधान किया। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन हो या नेपाल संकट, इस पीठ ने सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं।

62 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई है महाकुम्भ में पावन डुबकी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु संगम की त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं और आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोई ऐसा मत, मजहब या संप्रदाय नहीं, जहां निश्चित समय पर इतनी बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए एकत्र होते हों। महाकुम्भ सनातन धर्म की दिव्यता और विराटता का प्रतीक है।

महाकुम्भ को भव्यता देने के लिए सरकार संकल्पबद्ध

सीएम योगी ने आश्वस्त किया कि सनातन धर्म और महाकुम्भ से जुड़े हर आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए उनकी सरकार संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से जुड़े किसी भी आयोजन के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करेंगे, जिससे यह आयोजन सफलता की नई ऊंचाइयों को छू सके।"

शंकराचार्य ने की महाकुम्भ की सराहना

शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी ने महाकुम्भ की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन सरकार और जनता की सहभागिता का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति ही विश्व की आदर्श संस्कृति है और महाकुम्भ इसका जीवंत प्रमाण है। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस बात के लिए भी सराहना की कि प्रयागराज के प्राचीन नाम को उन्होंने दोबारा स्थापित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कुम्भ राष्ट्र को दिशा देता है। चाहे श्रीराम मंदिर के निर्माण का अभियान हो या देश में सनातन धर्म को शक्ति देने वाली सरकार हो, कुम्भ राष्ट्र को मार्ग दिखाता है। शंकराचार्य ने महाकुम्भ को एकता का कुम्भ बताते हुए इसे अद्वैत कुम्भ कहा। 

इस अवसर पर श्री शंकरपुर पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीकृष्णानंद तीर्थ और महामंडलेश्वर संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ सहित बड़ी संख्या में संतगण उपस्थित रहे।

Youtube Channel Image
TTN24 | समय का सच www.ttn24.com
Subscribe