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फर्रुखाबाद: मदारिस ए इस्लामी भारत के संविधान के तहत क़ायम है उन को बन्द करना ग़ैरक़ानूनी अमल है, मुफ्ती ज़फ़र अहमद कासमी

संवाददाता: रेहान खान तनवीर,9452755077


मदारिस ए इस्लामी भारत के संविधान के तहत क़ायम है उन को बन्द करना ग़ैरक़ानूनी अमल है, मुफ्ती ज़फ़र अहमद कासमी 

फर्रुखाबाद भीकमपुरा में मदरसा अरबिया अनवारूल उलूम अहम बैठक की गई l मदारिस ए इस्लामी भारत के संविधान के तहत क़ायम है उन को बन्द करना ग़ैरक़ानूनी अमल है, मुफ्ती ज़फ़र अहमद कासमी 

ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को कानूनी प्रक्रिया के तहत मदारिस के ज़िममेदारान को नोटिस देना चाहिए, तारिक शम्सी ज़िला फर्रुखाबाद के ज़िममेदारान ए मदारिसे इस्लामिया कि एक अहम मीटिंग एन,सी पी सी आर कि हिदायत के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर चर्चा करने केलिए मदरसा अनवारूल उलूम फर्रुखाबाद में सम्पन्न हुई ज़िला में बन्द होने वाले मदारिस ए इस्लामिया के सम्बन्ध में ज़िम्मेदारान ने सख्त तशवीश का इजहार किया और कहा इस ग़ैरक़ानूनी कार्य का कानूनी प्रक्रिया के अनुसार जवाब दिया जाएगा सभा को संबोधित करते हुए जमीयत उलमा मध्य क्षेत्र उत्तर प्रदेश के महासचिव मुफ्ती ज़फ़र अहमद कासमी ने कहा आज़ाद ग़ेर मंज़ूर शुदा मदारिस भारतीय संविधान की धारा 30के अन्तर्गत क़ायम है


भारतीय संविधान में हमें हर तरह की आज़ादी हासिल है और इस आज़ादी में हमें अपने दीन और मज़हब की तालीम देने और उसके लिए अपने तालीमी इदारे क़ायम करने, और उनके प्रबंधन करने का सम्पूर्ण अधिकार हासिल है और संविधान में हमें जो आज़ादी दी गई उसको छीनने या खत्म करने के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं किया जा सकता है उन्होंने ने मीडिया के द्वारा मदारिस ए इस्लामिया के लिए अ संविधानिक शब्द का प्रयोग करने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई और कहा यह पत्रकारिता के सिद्धांतों के विरुद्ध है उन्होंने ने मदारिस ए इस्लामिया का प्रबन्धन करने वालों से अनुरोध किया कि अफसरों के सामने साहस पूर्वक अपना पक्ष रखें और चाटूकारों से सावधान रहें इटावा से तशरीफ़ लाए मोलाना तारिक शम्सी उपाध्यक्ष मदारिस ए अरबिया ऐसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने सभा में मौजूद लोगों के सामने भारतीय संविधान में मदारिस ए इस्लामिया की कानूनी स्थिती से आवागत कराया और इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी उन्होंने ने कहा जब पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल में सब के लिए मुफ्त क्षिशा का कानून पारित किया तब भी मदरसा और वेदिक पाठशाला को उस से अलग रखा और इस समय भी एक रिट माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है

इस परिपेक्ष्य में यह आदेश उच्चतम न्यायालय के निर्देश के विरुद्ध है जमीयत उलमा मध्य क्षेत्र के उपाध्यक्ष मोलाना अब्दुल रब कासमी ने मदारिस के इतिहास पर रौशनी डाली उन्होंने ने कहा हमारे पुरखों ने सरकारी अनुदान को स्वीकार नहीं किया और आम मुसलमानों के दान पुन से मदरसों को चलाया इस्लामी मदारिस मुस्लिम समाज के लिए रीढ़ की तरह है उन की हर कीमत पर हिफाजत करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है सभा की अध्यक्षता क़ारी मुश्ताक साहब ने की जनपद फर्रुखाबाद से बड़ी संख्या में मदारिस ए इस्लामिया के प्रबन्धन करने वाले मौजूद थे मौलाना शकील अहमद मजाहिरी मौलाना मिफजाल साहब, हाफिज मुफ्ती मुन्तजिर कासमी, क़ारी वहीदुजजमा, मुफ्ती यासीन साहब, मुफ्ती मोहम्मद नईम साहब, मुफ्ती मोहम्मद जुबैर हाजी सफीर मुल्ला जी आदि लोग मौजूद रहे

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