रिपोर्ट भरतसिंह आर ठाकोर अरवल्ली गुजरात
अरावली जिले के राजस्व न्यायालयों में ऐतिहासिक सफलता....डिजिटल क्रांति के माध्यम से भूमि विवादों का त्वरित समाधान...*
आधुनिक युग में डिजिटल तकनीक का प्रयोग प्रशासनिक क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। जिसमें राजस्व विभाग को गुजरात के अरावली जिले में ऐसी ही सफलता हासिल हुई है. आईआरसीएमएस (इंटीग्रेटेड रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल के प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से, जिले के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में वर्षों से लंबित भूमि संबंधी मामलों को केवल छह महीने की समय सीमा के भीतर निपटाया गया है। यह उपलब्धि सिर्फ एक प्रशासनिक आंकड़ा नहीं है, बल्कि डिजिटल गवर्नेंस की ताकत और अधिकारियों के समर्पण का जीता-जागता उदाहरण है।अरावली जिले में कुल 10,197 भूमि संबंधी मामलों का निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से निपटारा किया गया है। इन मामलों में पक्षों को व्यक्तिगत रूप से सुनकर निर्णय लिए गए, जिससे न्याय की प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय और मानवीय हो गई। इन मामलों के विश्लेषण में मामलातदार कार्यालयों की अदालतों में कुल 6,070 मामले शामिल हैं। इसमें बैद में 778, भिलोडा में 715, धनसुरा में 458, मालपुर में 768, मेघराज में 2,586 और मोडासा में 765 मामलों का निपटारा किया गया. प्रांतीय अधिकारी कार्यालयों में कुल 3,401 मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें मोडासा में 1,875 मामले और बैद में 1,526 मामले शामिल हैं। इसके अलावा कलेक्टर कार्यालय में भी 726 प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण किया गया। इन सभी मामलों का निपटारा केवल छह महीने या उससे कम समय में किया गया है, जो अब तक की प्रशासनिक प्रक्रियाओं में दुर्लभ है।इस सफलता का मुख्य कारण आईआरसीएमएस पोर्टल का समय पर और रणनीतिक उपयोग है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म ने मामलों की ऑनलाइन निगरानी, डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन और त्वरित सुनवाई सुनिश्चित की। परिणामस्वरूप प्रशासनिक दक्षता में काफी वृद्धि हुई है और लंबित मामलों का बोझ काफी कम हो गया है। जहां पारंपरिक तरीकों से मामले वर्षों तक खिंचते थे, वहीं इस डिजिटल दृष्टिकोण से समय की बचत के साथ-साथ पारदर्शिता भी बढ़ी है।इस उपलब्धि का सबसे बड़ा लाभ आम नागरिकों को हुआ है। इस ऑपरेशन से उन हजारों भूमि मालिकों और पक्षों को राहत मिली है, जो भूमि विवादों के कारण वर्षों से मानसिक तनाव, वित्तीय नुकसान और कानूनी झगड़े झेल रहे हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई है, क्योंकि भूमि के स्पष्ट स्वामित्व से खेती, बिक्री और विकास की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। अरावली जिला आज गुजरात राज्य में राजस्व मामले निपटान के क्षेत्र में एक मॉडल जिला बन गया है, जो अन्य जिलों के लिए प्रेरणा है।
डिजिटल सिस्टम का समर्पित और व्यवस्थित उपयोग प्रशासनिक चुनौतियों को हल कर सकता है और उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। इस अद्भुत उपलब्धि के लिए जिला कलक्टर एवं समस्त राजस्व अधिकारी बधाई के पात्र हैं। ऐसी सफलताएँ भविष्य में भी नागरिकों के लिए तेज़ और निष्पक्ष प्रशासन का वादा करती हैं।

