रिपोर्ट भरतसिंह आर ठाकोर अरवल्ली गुजरात
अरावली जिले के राजस्व विभाग ने कुल 5460 सर्वे नंबरों की भूमि को पुरानी स्थिति में परिवर्तित करने के लिए त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई की है.
नई एवं अहस्तांतरणीय स्थिति के साथ-साथ प्रतिबंधित अथवा प्रतिबंधित प्राधिकारी प्रकार की भूमियों को पुरानी स्थिति में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया
गुजरात सरकार के राजस्व विभाग द्वारा 08/04/2025 को जारी एक महत्वपूर्ण परिपत्र राज्य में किसानों के जीवन में नई रोशनी लेकर आया है। इस परिपत्र के अनुसार नवीन एवं अहस्तांतरणीय स्थिति तथा प्रतिबंधित अथवा नियंत्रित प्राधिकारी प्रकार की भूमियों को पुरानी स्थिति में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इस फैसले से किसानों को जमीन बेचने, बांटने और गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए उपयोग करने में बड़ी राहत मिली है, क्योंकि पहले ऐसी जमीनों पर कई प्रतिबंध थे जो किसानों की आर्थिक प्रगति में बाधा बन रहे थे।इस परिपत्र के कार्यान्वयन में अरावली जिले ने अग्रणी भूमिका निभाई है। अरावली जिला, जो एक आदिवासी-समृद्ध क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और अरावली पर्वतमाला की गोद में बसा है, को नई और अविभाज्य शर्तों के तहत कई भूमि आवंटित की गई थी। ये जमीनें मुख्य रूप से गरीब और भूमिहीन आदिवासी परिवारों को खेती के लिए दी जाती थीं, लेकिन इन पर लगे प्रतिबंधों के कारण किसान आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाते थे। नई स्थिति की भूमि को बंजर छोड़ने के लिए प्रीमियम वसूला जाता था। जमीन पुरानी स्थिति में आने से पहले बेचने और बंटवारे में बाधाएं आ रही थीं।इस परिपत्र के अनुसरण में अरावली जिले के राजस्व विभाग ने त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई करते हुए कुल 5460 सर्वे नंबरों की भूमि को पुरानी स्थिति में परिवर्तित कर दिया है। इस प्रक्रिया में जिला कलेक्टर के नेतृत्व में मामलातदारों, राजस्व कलेक्टरों और अन्य अधिकारियों ने दिन-रात काम किया। किसानों के आवेदनों की जांच, दस्तावेजों का सत्यापन और अभिलेखों को अद्यतन करने का कार्य तेजी से पूरा किया गया। इससे हजारों किसान परिवारों को सीधा लाभ हुआ है।इस सफलता का सबसे बड़ा परिणाम यह है कि अब ये किसान अपनी जमीन का स्वतंत्र रूप से उपयोग कर सकते हैं। वे बिना प्रीमियम चुकाए जमीन पर खेती, बिक्री और बंटवारा करके व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। अरावली जिले के गांवों में अब खुशी का माहौल है. कई किसानों ने इस बदलाव के साथ अपने जीवन में एक नई शुरुआत की है - कुछ ने नए घर बनाए हैं और कुछ ने खेती में अधिक निवेश किया है।
सफलता की यह कहानी अरावली जिले के राजस्व अधिकारियों के समर्पण और सरकार की किसानोन्मुखी नीतियों का प्रतीक है। इस कदम से राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और किसानों का जीवन समृद्ध होगा।

