मध्य प्रदेश छिंदवाड़ा से मनीष इंगोले की रिपोर्ट.
सफलता की कहानी: ग्राम पंचायत भमोडी की पहल से एनीमिया मुक्त हुईं किशोरियाँ*
*छिंदवाड़ा/27 दिसंबर 2025/* जिले के परासिया विकासखंड की ग्राम पंचायत भमोडी ने यह साबित कर दिया कि सही योजना, निरंतर निगरानी और सामुदायिक सहभागिता से स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी समस्याओं का समाधान संभव है। ग्राम में किशोरी बालिकाओं में बढ़ती रक्त अल्पता (एनीमिया) की समस्या को गंभीरता से लेते हुए पंचायत ने एक ठोस पहल की, जिसका परिणाम तीन माह के भीतर सकारात्मक रूप में सामने आया है।26 सितंबर 2025 को ग्राम पंचायत द्वारा विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 65 किशोरी बालिकाओं (11 से 18 वर्ष आयु वर्ग) की स्वास्थ्य जांच कराई गई। जांच में 17 बालिकाएं एनीमिया से ग्रसित पाई गईं। शासकीय चिकित्सकों द्वारा उन्हें आवश्यक दवाइयां दी गईं, नियमित परामर्श किया गया और खान-पान व जीवनशैली को लेकर लगातार मार्गदर्शन दिया गया।
तीन माह बाद आज शनिवार 27 दिसंबर 2025 को ग्राम पंचायत भवन में फॉलोअप जांच के लिए पुनः विशेष शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में 44 किशोरी बालिकाओं की जांच की गई। परिणाम अत्यंत उत्साहवर्धक रहे। पूर्व में चिन्हित सभी 17 बालिकाओं के स्वास्थ्य में स्पष्ट सुधार पाया गया और वे एनीमिया से बाहर आ चुकी हैं। इसके अलावा, नई जांच में केवल एक बालिका एनीमिया से ग्रसित पाई गई, जिसे तुरंत दवाइयां और परामर्श प्रदान किया गया है।
सरपंच श्री विपिन श्रीवास्तव ने बताया कि पंचायत का उद्देश्य केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थायी सुधार लाना है। जिन बालिकाओं का वजन कम है, उनके माता-पिता के साथ स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक कर पोषण और देखभाल को लेकर समझाइश दी जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस सफलता के पीछे डॉ. सुधा बक्शी के नेतृत्व में स्वास्थ्य अमले, पंचायत प्रतिनिधियों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ग्रामवासियों का समर्पित सहयोग रहा। यह पहल न केवल ग्राम भमोडी की किशोरियों के लिए एक नई उम्मीद बनी, बल्कि अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करती है।
ग्राम पंचायत भमोडी की यह कहानी बताती है कि सामूहिक प्रयास और निरंतर फॉलोअप से स्वस्थ भविष्य की नींव रखी जा सकती है।
