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झांसी: प्रदेश में पराली जलाने पर जनपद झाँसी पहुंचा दूसरे नंबर पर, जिलाधिकारी ने ज़ूम मीटिंग में लगाई फटकार

 आनन्द बॉबी चावला ब्यूरो चीफ झांसी।


 झांसी 

दिनांक 27 नवम्बर 2025



  पराली जलाने पर जनपद में 27 किसानों को लगाया 01लाख 27 हजार रुपये का जुर्माना, सबसे अधिक मोंठ के किसान शामिल 


  प्रदेश में पराली जलाने पर जनपद झाँसी पहुंचा दूसरे नंबर पर, जिलाधिकारी ने ज़ूम मीटिंग में लगाई फटकार 


  हर गाँव एवं मजरे में डुग्गी पिटवा कर पराली से होने वाले नुकसान की दें जानकारी:- जिलाधिकारी 


  फार्म मशीनरी बैंक या कस्टम हायर सेंटर के माध्यम से पराली प्रबन्धन हेतु दिए गए यंत्रों का इस्तेमाल करने का दिया सुझाव  


  मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार पराली जलाए जाने पर होगी कार्यवाही, "पराली न जलाएं" का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश :- जिलाधिकारी


  मोंठ क्षेत्र में पराली की घटनाएँ अधिक, एसडीएम/सीओ चौपाल आयोजित कर लोगों को करें जागरूक:-जिलाधिकारी 


 डिकम्पोजर का प्रयोग कर किसान कृषि अवशेष/पराली को सड़ाते हुए खाद में करें परिवर्तित, जिलाधिकारी ने दिया सुझाव 


  ग्राम प्रधान/सचिव एवं लेखपाल की होगी जिम्मेदारी, क्षेत्र में फसल अवशेष जलने की घटनाएं बिल्कुल न होने दें अन्यथा होगी कार्यवाही

 झांसी। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने आज ज़ूम ऐप के माध्यम से अधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन से संबंधित समीक्षा की जिसमें समस्त उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, खंड विकास अधिकारी एवं जिला कृषि अधिकारी के अतिरिक्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित एसपी नगर एवं देहात, क्षेत्राधिकारी पुलिस सदर/ मोंठ,एसएचओ बड़ागाँव/चिरगाँव/ मोंठ एंंव समथर प्रतिभाग किया।    

    ज़ूम ऐप के माध्यम से जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने जनपद में पराली प्रबंधन की समीक्षा करते हुए जनपद में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक लगभग 200 पराली जलाने की घटनाएं चिन्हित की गई हैं, जिसमें मोंठ क्षेत्र में 70 से 80 फीसदी पराली की घटनाएं दर्ज हुई हैं,यह चिंता का विषय है। उन्होंने एसडीएम, सीओ को भ्रमण करते हुए घटनाओं पर नजर रखने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने सचिव को क्षेत्र में पराली जलने की घटनाओं को चिन्हित करते हुए पुलिस भ्रमण के निर्देश दिए ताकि फसल अवशेष जलाने की घटनाएँ कम से कम हों। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी लगातार अपने क्षेत्र में निगरानी करते रहें और यह सुनिश्चित करें की कहीं भी बिना सुपर स्ट्रामैनेजमेंट की कंबाइन हार्वेस्टर न चलाया जाए और यदि कहीं चलता पाया जाए तो तत्काल विधिक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

    ज़ूम ऐप के माध्यम से पराली प्रबंधन की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने कहा कि पराली जलाए जाने की घटनाओं पर अब तक 27 कृषकों पर 5000/- प्रति 01 लाख 27 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ जुर्माना लगाया जा रहा है।यदि पुनरावृत्ति होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने टीम स्क्वैंट बनाकर ऐसे क्षेत्रों में जहाँ पराली जलाए जाने की घटनाएं अधिकतम हैं वहाँ का भ्रमण करने के भी निर्देश दिए।

    ज़ूम ऐप के माध्यम से पराली प्रबन्धन हेतु आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में फसल अवशेष / पराली जलाये जाने की घटनाएं (विशेष रूप से धान बाहुल्य क्षेत्र में घटित होती हैं। चूँकि इस वर्ष वर्तमान में जनपद में चल रहे एसआइआर के कार्य में अधिकारियों सहित क्षेत्रीय कार्मिकों का सभी गाँवों में ग्राम प्रधान व समस्त जनमानस से संपर्क किया जा रहा हैं, इस उपयुक्त समय में कर्मचारियों द्वारा ग्राम वासियों को फसल अवशेष / पराली जलाये जाने से होने वाले भूमि, जलवायु पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि से अवगत कराये जाने के साथ- साथ यह बतायें कि जिन कृषकों द्वारा पराली / फसल अवशेष जलाने की घटना सामने आती है, उनके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही अनुपालन में लायी जायेगी।

    जिलाधिकारी ने ज़ूम ऐप के माध्यम से प्रतिभाग कर रहे क्षेत्राधिकारी पुलिस सदर एवं मोंठ सहित एसएचओ बड़ागांव,चिरगांव, मोंठ और समथर को निर्देशित करते हुए कहा क्षेत्र भ्रमण के दौरान पराली ना जलाए जाने के संबंध में किसानों को जागरूक करें,इसके अतिरिक्त यदि कहीं पराली जलाए जाने की घटना होती है तो तत्काल जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए। 

    मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के अनुसार फसल अवशेष जलाया जाना कानूनी रुप से निषिद्ध है। इसके उल्लंधन पर संबंधित के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाये। प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये सम्बन्धित लेखपाल को नोडल अधिकारी नामित किया गया है, जो सभी कृषकों के मध्य प्रचार-प्रसार करते हुये फसल अवशेष आदि को न जलने देने के लिये आवश्यक कदम उठायेंगें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गाँव के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल की जिम्मेदारी होगी कि वह चौपाल एवं खुली बैठक के माध्यम से किसानों को जागरूक करें कि अपने क्षेत्र में फसल अवशेष जलने की घटनायें बिल्कुल न होने पाएं अन्यथा उनके विरुद्ध भी कार्यवाही की जायेगी। 

जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में फसल अवशेष को जलने से रोकने के लिये प्रभावी कार्यवाही करें तथा किसी भी दशा में फसल अवशेष न जलने दें। धान की कटाई के समय कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन में सुपर स्ट्रा मेनेजमेन्ट सिस्टम लगाये जाने अथवा कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्रों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर मल्चर, रोटरी स्लेशर श्रेडर, अब मास्टर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ, जीरोटिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, बेलर, स्ट्रा रेक, काप रीपर, रीपर कम बाइण्डर, सुपर स्ट्रा मेनेजमेन्ट सिस्टम एवं स्मार्ट सीडर एवं अन्य कार्यों जैसे- पशु चारा, कम्पोस्ट खाद बनाने, बायो कोल, बायोफ्यूल एवं सी0बी0जी0 आदि में उपयोग किये जाने हेतु प्रेरित किया जाये।

   उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि खेतों में फसल अवशेष को शीघ्रता से सड़ाने हेतु पानी भरकर यूरिया का छिड़काव भी किया जा सकता हैं।धान की पराली का इन / सीटू प्रबन्धन कर कृषकों को खेत में तथा सामुदायिक तौर पर कम्पोस्ट बनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिये किसानो के खेत पर अथवा सामुदायिक स्थल पर उचित क्षमता वाले कम्पोस्ट खाद के गड्ढों का ख़ुदान कराया जाना उचित होगा। कम्पोस्ट खाद के गड्ढों का ख़ुदान पराली / नरई / पताई को उखाड़ने, तथा मल्चर तैयार करने में किया जायेगा। 

    उन्होंने निर्देशित करते हुये कहा कि किसानों को जानकारी देते हुए डिकम्पोजर कृषकों को निःशुल्क वितरित करना प्रस्तावित है। जिसमें डिकम्पोजर की एक बोतल / कैप्सूल पेक एक एकड़ क्षेत्र हेतु पर्याप्त होती है। उक्त खाद की उपयोग से किसानों की उत्पादकता और उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी।

    जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित ज़ूम बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने निर्देश देते हुए कहा कि समस्त थानों में प्रधान और चौकीदार तथा बीट ऑफिसर के साथ एक बैठक आयोजित की जाए जिसमें यह स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि क्षेत्र में पराली नहीं जलाई जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने पुलिस अधीक्षक को इसे सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा चौकीदार की भूमिका महत्वपूर्ण है उसके माध्यम से पराली को जलाने से रोके जाने की कार्रवाई करायी जा सकती है।

     ज़ूम ऐप के माध्यम पराली प्रबन्धन विषयक समीक्षा बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, एसपी ग्रामीण डॉ अरविंद कुमार सहित समस्त उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष, तहसीलदार बीडीओ,उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, विषय वस्तु विशेषज्ञ दीपक कुशवाहा ने प्रतिभाग किया।


आनन्द बॉबी चावला झांसी



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