मुक़ाम सीरिनगर कश्मीर
संवाददाता ग़ुलाम जिलानी TTN 24
नव रात्रों के पावन पर्व पर एक शैर जो की मरहूम सागर ख्यामी का है ऐसी कोई मिसाल ज़माने ने पाई हो
हिन्दू के घर मैं आग खुदा ने लगाई हो बस्ती किसी की राम ने यारों जलाई हो और नानक ने राह सिर्फ सिखों को दिखाई हो और राम औ रहीम नानक वा ईसा तो नरम हैँ और चमचों को देखिये तो वो पतीली से गर्म है