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कांकेर: दुर्गूकोदल: कोदापाखा औषधालय में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया; स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान के तहत निःशुल्क शिविर का आयोजन

 दुर्गूकोदल: कोदापाखा औषधालय में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया; स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान के तहत निःशुल्क शिविर का आयोजन।


पत्रकार स्वतंत्र नामदेव 

कांकेर जिला ब्यूरो 


शासकीय आयुर्वेद औषधालय, कोदापाखा में भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति के सम्मान में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस को बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों और निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर लोगों को आयुर्वेद की महत्ता और संतुलित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह बताना था कि आयुर्वेद केवल रोगों के उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोग-निरोधक उपाय, संतुलित दिनचर्या और दीर्घकालिक स्वास्थ्य का मार्ग भी दिखाता है, जो आधुनिक जीवन की चुनौतियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

धन्वंतरि पूजा के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अशोक जैन (जिला उपाध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग मोर्चा) ने भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच सोमनाथ नेताम ने की। विशिष्ट अतिथियों में प्राचार्य घनाराम कश्यप, उप सरपंच शांता ध्रुव और उमेश कुमार जैन उपस्थित रहे।

स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार पर विशेष ज़ोर

आयुर्वेद दिवस के मौके पर स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार अभियान के तहत महिलाओं के स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श की विशेष व्यवस्था की गई। इसके अतिरिक्त, एक निःशुल्क स्वास्थ्य जागरूकता शिविर एवं चिकित्सा परामर्श का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने लाभ लिया।

कार्यक्रम में दिनचर्या, ऋतुचर्या, आहार-विहार, योग और प्राणायाम जैसे जीवनशैली से जुड़े विषयों पर आधारित फ्लेक्स लगाए गए, जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही, उपस्थित लोगों को औषधीय पौधों का वितरण भी किया गया।

कार्यक्रम प्रभारी डॉ. के. व्ही. गोपाल ने आयुर्वेद की महत्ता पर विस्तार से जानकारी दी और लोगों को प्राकृतिक तथा संतुलित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को अपनाने से न केवल व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है, बल्कि इससे प्रकृति के साथ भी सामंजस्य स्थापित होता है।

इस आयोजन को सफल बनाने में औषधालय के कर्मचारी शिवप्रसाद बघेल (योग शिक्षक), सीमा कावड़े और जगदीश मरकाम का विशेष योगदान रहा। इस सफल आयोजन ने एक बार फिर यह साबित किया कि आयुर्वेद स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने की एक संपूर्ण जीवनशैली है।

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