बाराबंकी से उठी पुरखों के नाम पौधरोपण की अलख, पेड़ों को बताया जलवायु संकट का इकलौता समाधान!
ब्यूरो रिपोर्ट: जितेंद्र शुक्ला 9919645466
"दुनिया में कोई वैज्ञानिक ऐसा नहीं जो ऋतुओं को नियंत्रित कर सके, लेकिन पेड़ यह काम सहजता से कर सकते हैं। सूखा हो या बाढ़, आपदाओं से धरती को बचाना है तो प्रकृति से जुड़ना ही होगा।"यह विचार प्रसिद्ध नेत्र सर्जन और भाजपा नेता डॉ. विवेक वर्मा ने "पांच पेड़ पुरखों के नाम" अभियान के तहत एक संगोष्ठी में व्यक्त किए। यह आयोजन बिरजू संस्थान बाराबंकी द्वारा कपिल मुनि योग व ध्यान साधना केंद्र, पल्हरी नहर शिव मंदिर में संपन्न हुआ, जिसका उद्देश्य जलवायु संकट से निपटने हेतु सामूहिक पौधरोपण को जन आंदोलन बनाना है।कार्यक्रम में योगाचार्य डॉ. शशि कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में कविताओं के माध्यम से प्रकृति के प्रति आस्था जगाई गई, जबकि संस्थान के अध्यक्ष रत्नेश कुमार ने सेमल, अगस्त, अमरूद, नींबू, शीशम, सागौन जैसे औषधीय व छायादार वृक्षों के 5-5 पौधे सभी प्रतिभागियों को भेंट किए, और उन्हें रोपित कर संरक्षण का संकल्प भी दिलाया।
संगोष्ठी में योगाश्रम के योगाभ्यासी, मंदिर के सेवादार, तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क समिति के पदाधिकारीगण भी शामिल हुए। इस मिशन में 50 से अधिक योग-साधकों व स्थानीय लोगों ने भाग लेकर यह संदेश दिया कि हर नागरिक अगर 5 पेड़ भी अपने पूर्वजों के नाम लगाएं, तो पर्यावरण संरक्षण का यह प्रयास एक वैश्विक आंदोलन बन सकता है।