संवाददाता गोपाल आँजना उज्जैन मप्र
*हजारों नागरिक कथा मे हुवें शामिल*
*सांवरिया सेठ ने भरा था 56 करोड़ का मायरा*
*सांवरिया सेठ के सच्चे भक्त नरसी मेहता की लाज बचाने स्वयं आए थे सांवरिया सेठ*
शाजापुर जिले के झरनेश्वर महादेव मंदिर में तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें सुश्री पूनम किशोरी नागर के मुखारविंद से हजार ऑन भक्तों को नानी बाई का मायरा कथा को संगीतमय रूप से सुनाया गया कथा में पूनम किशोरी नागर ने बताया की नरसी मेहता की कथा केवल मायरे तक सीमित नहीं है यह कथा भक्त और भगवान के बीच जो अटूट भरोसा है उस भरोसे की कथा है की कैसे नरसी मेहता सांवरिया सेठ की भक्ति में पूरा जीवन निकाल देते हैं और अपनी करोड़ों रुपए की संपत्ति गरीब असहाय लोगों में दान कर देते हैं और जब उनकी लड़की नानी बाई के यहां मायरा भरने का समय आता है तो उनके पास मायरा भरने के लिए कुछ भी नहीं होता है आस पड़ोस से संसाधन मांग कर नरसी मेहता अंजार नगर जाने की व्यवस्था जोड़ते हैं और स्वयं श्री कृष्णा उनकी बैलगाड़ी को चलकर अंजार नगर ले जाते हैं और वहां पर 56 करोड़ का मायरा भरते है।
कथा को सुनने के लिए आसपास के ग्रामीण हजारों की संख्या में सम्मिलित हुए मायरे को वास्तविक रूप देने के लिए राधा कृष्ण बाल रूप में बनाए गए और समीती क़े सदश्यों नें मायरे की रस्म को पूरा किया गया भक्तो मे इतना उत्साह था मानो जैसे साक्षात् भगवान सांवरिया सेठ स्वयं मायरा भरने आये हों