13 सितंबर को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर न्यायालय परिसर में समीक्षा बैठक आयोजित।
ब्यूरो रिपोर्ट जितेंद्र शुक्ला
30 सितंबर तक चल रहे ‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान’ को लेकर भी दिए गए दिशा-निर्देश
बाराबंकी, 30 जुलाई 2025।
जनपद न्यायालय बाराबंकी में आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन को लेकर जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष प्रतिमा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में 13 सितंबर 2025 को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की कार्ययोजना, वादों की पहचान, और निस्तारण के त्वरित व प्रभावी तरीकों पर विस्तृत चर्चा की गई। जनपद न्यायालय स्थित मीटिंग हॉल में आयोजित इस बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सहित समस्त न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया।
प्रतिमा श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को साझा करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि अधिकतम वादों को लोक अदालत में निस्तारण हेतु चिन्हित किया जाए। विशेष रूप से दीवानी, फौजदारी, प्रकीर्ण वादों व परक्राम्य लिखित अधिनियम (Negotiable Instruments Act) से संबंधित मामलों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।"वादकारियों को समय से सूचित करने पर विशेष बल"
बैठक में न्यायिक अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि चिन्हित वादों के पक्षकारों को कम से कम दो बार नोटिस भेजी जाए, और वह भी लोक अदालत की तिथि से एक माह पूर्व तक निर्गत की जानी चाहिए ताकि पक्षकार समय से उपस्थित होकर सुलह/समझौते के माध्यम से विवाद का समाधान कर सकें।
"राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान भी केंद्र में रहा"
बैठक में 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक चल रहे "राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान" पर भी चर्चा की गई। इसके तहत न्यायालयों को ऐसे मामलों की पहचान कर उन्हें मध्यस्थता केंद्र में संदर्भित करने का निर्देश दिया गया जो समझौते के जरिए निस्तारित किए जा सकते हैं।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित किया गया कि इस अभियान और आगामी लोक अदालत का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए, जिसके लिए बैनर, पम्पलेट एवं अन्य जनसंचार माध्यमों का उपयोग किया जाएगा।बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित
समीक्षा बैठक में विनय कुमार (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम), राकेश कुमार सिंह (विशेष न्यायाधीश, ईसी एक्ट/नोडल अधिकारी-राष्ट्रीय लोक अदालत) सहित समस्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सिविल जज (सी.डी.) एवं सिविल जज (जू.डि.) संवर्ग के न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे।