*आदिवासी छात्र युवा संगठन पखांजूर द्वारा छात्रावास की अव्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन,*
*15 दिवस के भीतर अगर व्यवस्था अगर सुदूर ना हुआ आंदोलन की दी चेतावनी*
रिपोर्टर /उत्तम बनिक पखंजौर
आदिवासी छात्र युवा संगठन, इकाई पखांजूर द्वारा पोस्ट मैट्रिक बालिका छात्रावास पखांजूर में व्याप्त गंभीर अव्यवस्थाओं एवं अधीक्षिका की लापरवाही को लेकर कलेक्टर कांकेर एवं सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग के नाम अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पखांजूर को ज्ञापन सौंपा गया।संगठन ने बताया कि पोस्ट मैट्रिक बालिका छात्रावास पखांजूर विगत 4–5 माह से संचालित हो रहा है, किंतु छात्राओं को बुनियादी सुविधाएँ तक उपलब्ध नहीं हैं। छात्रावास में बिस्तर, गद्दा, बेडशीट, मच्छरदानी तथा पंखों की उचित व्यवस्था नहीं है। उपलब्ध पंखे भी अधिकांशत: खराब स्थिति में हैं।
भोजन व्यवस्था में भी गंभीर लापरवाही:
छात्राओं को प्रतिदिन एक जैसी सब्जियाँ—जैसे पपीता, खेेल, आलू-खुंदरू और पत्तागोभी—लगातार परोसी जा रही हैं। कई बार खराब सब्जियाँ दिए जाने के कारण छात्राएँ बीमार पड़ जाती हैं। इसके बाद भी बीमारी की सूचना देने पर अधीक्षिका द्वारा गंभीरता नहीं बरती जाती और छात्राओं को केवल इतना कहा जाता है कि “घर फोन कर माता-पिता को बताओ।”
सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पूर्णत: उपेक्षित:
छात्रावास परिसर में सुरक्षा के लिए आवश्यक सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगाए गए हैं। अधीक्षिका के लिए अलग कमरा होने के बावजूद वह अधिकांश समय छात्रावास में उपस्थित नहीं रहतीं तथा सप्ताह में केवल एक–दो दिन ही आती हैं।
संगठन ने यह भी उल्लेख किया कि 28 अगस्त को भी छात्राओं द्वारा इलाज की व्यवस्था नहीं होने सहित अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी, किंतु अब तक कोई सुधार नहीं किया गया है।
संगठन की मांगें:
आदिवासी छात्र युवा संगठन, इकाई पखांजूर ने प्रशासन से निम्न माँगें की हैं—
छात्रावास की स्वच्छता, सुरक्षा, स्वास्थ्य और भोजन व्यवस्था की तत्काल जाँच की जाए।
लापरवाह अधीक्षिका को तत्काल हटाया जाए।
छात्रावास में सभी आवश्यक सुविधाएँ तत्काल उपलब्ध कराई जाएँ।
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिवस के भीतर आवश्यक कार्रवाई नहीं की जाती है, तो आदिवासी छात्र युवा संगठन पखांजूर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ज्ञापन सौंपते समय उपस्थित पदाधिकारी: नंदनी आंचला वनिता आंचला रविशंकर सलाम, संजय सलाम,
हेमलता कोमरे, रेशमा कोरचा, रोशनी कोवाची, प्रेमबत्ती उसेण्डी, जामिता दूग्गा, रंजीता वड्डे, फार्मिला कुमेटी, ललिता वड्डे, सुमन नुरूटी, आसमा कोवाची एवं अमिला पददा आदि उपस्थित थे।
