संगमेश्र्वेर मंदिर में शिवपुराण कथा में बही ज्ञान की गंगा
सुरेन्द्र मिश्रा
जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद क्षेत्र के कृष्णदत्त निवादा गांव के संगमेश्वर मंदिर में चल रही शिव पुराण कथा के तीसरे दिन कथा व्यास अचार्य पंडित प्रदीप बाजपेई ने श्रद्धालुओं को नारद मोह, जय-विजय श्राप और राम जन्म जैसे भावनात्मक प्रसंगों की कथा सुनाई। कथा में बताया गया कि जब देवर्षि नारद कठिन तपस्या में लीन होते हैं, तब कामदेव उन्हें मोहित करने का प्रयास करता है, लेकिन असफल होता है। इससे नारद को अपने संयम पर गर्व हो जाता है और वह ब्रह्मा, शिव और भगवान विष्णु के समक्ष इस बात का उल्लेख करते हैं।भगवान विष्णु नारद के भीतर उपजे इस अहंकार को अपनी माया से दूर करते हैं। नारद मोह प्रसंग में यह बताया गया कि किस प्रकार भगवान विष्णु ने उन्हें एक राजकुमारी से प्रेम करवाकर, फिर विवाह न हो पाने की परिस्थिति बनाकर नारद का अहंकार चूर-चूर कर दिया। इस प्रसंग को सुन श्रद्धालु भावविभोर हो गए।
इस मौके पर डीएपी कॉलेज के अध्य्क्ष विपिन शुक्ला, मनोज अवस्थी, देवेन्द्र सविता,हरपाल सिंह, राजा शुक्ला प्रधान,छोटे सिंह,विष्णु मिश्रा, गोलू यादव,सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।