क्राइम ब्यूरो _ मोहम्मद अहमद
जिला बाराबंकी
*मिट्टी खनन बना किसानों की बर्बादी का सबब, भ्रष्ट अफसरों की मिलीभगत से जेसीबी से चल रहा अवैध कार्य**मसौली क्षेत्र में खनन माफिया का बोल बाला, मिली भगत से जीरो से चल रहा अवैध खनन*
मसौली, बाराबंकी। थाना क्षेत्र मसौली के कोटवा गांव में नियमों को ताक पर रखकर हो रहे अवैध मिट्टी खनन से स्थानीय किसानों की नींद उड़ गई है। तीन दिनों से लगातार जेसीबी से खेतों की खुदाई की जा रही है, जिससे लगभग 4 फीट गहरी खाई जैसी स्थिति बन गई है। किसान अपनी फसल और जमीन की बर्बादी देखकर मायूस हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी से हालात और भी चिंताजनक हो गए हैं।कोटवा गांव निवासी पवन की कृषि भूमि में किसी "निजी कार्य" का हवाला देकर यह खनन किया जा रहा है। लेकिन न तो खनन की वैध अनुमति सार्वजनिक की जा रही है और न ही मिट्टी के प्रयोग को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी सामने आ रही है। जब इस बारे में स्थानीय लेखपाल अतुल श्रीवास्तव से पूछा गया, तो उन्होंने केवल परमिशन होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। गांव के किसान धर्मेंद्र कुमार, शैलेश यादव, संतोष वर्मा और बंशीलाल गौतम ने बताया कि जेसीबी की खुदाई से उनके खेतों की उर्वरता और भविष्य की फसलें दोनों खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि खनन करने वाले लोग ऊंची पहुंच का हवाला देकर ग्रामीणों को चुप कराने की कोशिश करते हैं। खुदाई की गई मिट्टी डंपरों से थाना क्षेत्र में ही एक निर्माणाधीन गेस्ट हाउस तक पहुंचाई जा रही है। यह डंपर थाना मसौली के सामने से खुलेआम गुजर रहे हैं, लेकिन न तो खनन विभाग और न ही स्थानीय पुलिस कोई कार्यवाही कर रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से यह अवैध खनन कार्य संचालित हो रहा है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही खनन रोका नहीं गया और नुकसान की भरपाई नहीं की गई, तो वे जिलाधिकारी से मिलकर अपनी पीड़ा व्यक्त करेंगे और कार्यवाही की मांग करेंगे। फिलहाल सवाल यह है कि जब खनन खुलेआम हो रहा है, तो खनन विभाग और प्रशासन आखिर किसके इशारे पर मौन साधे हुए है?