छत्तीसगढ़ में अब तक 50 कोविड-19 मरीजों की पुष्टि सभी मरीजों में सामान्य लक्षण, घबराने की नहीं है आवश्यकता
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से आवश्यक जांच कराने, समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश
सामान्य लक्षणों के चलते मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं
एमसीबी जिले से जिला ब्यूरो प्रमुख विनोद पांडेय
मनेंद्रगढ़ । छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कोविड-19 के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर मरीजों में सामान्य इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे हल्का बुखार, सर्दी-खांसी या गले में खराश। विशेषज्ञों के अनुसार, इन लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है और मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है। अब तक राज्य में कुल 1183 लोगों की जांच की गई है, जिनमें से 50 व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सभी संक्रमितों में सिर्फ सामान्य सर्दी- खांसी जैसे हल्के लक्षण पाए गए हैं और केवल गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियांे को चिकित्सालय में उपचार हेतु संदर्भित करने के लिए निर्देश दिये गये है।सतर्कता के साथ संपर्क जांच और निगरानी का कार्य जारी
आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए हैं। जिन व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर जांच की जा रही है। साथ ही उनके निवास क्षेत्रों में स्वास्थ्य दल भेजकर सर्वेक्षण किया गया है। यदि किसी में लक्षण पाए जा रहे हैं तो उसकी जांच कराई जा रही है, और गंभीर लक्षण होने की स्थिति में उपचार के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है।
राज्य भर में मॉक ड्रिल, सभी अस्पताल तैयार
5 जून 2025 को पूरे राज्य के अस्पतालों में कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान सभी जिलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की निगरानी करें, आवश्यक जांच कराएं और समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
घबराएं नहीं, सतर्क रहें: विशेषज्ञों की सलाह
भारत सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही हैं, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों और कोविड-19 दोनों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी में हल्के सर्दी-जुकाम, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण दिखें, तो वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सजग रहें, लेकिन भयभीत न हों।
राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 एवं मौसमी बीमारियों के संभावित मरीजों के उपचार की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की है। अस्पतालों में दवाएं, परीक्षण सुविधा एवं चिकित्सकीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
[6/9, 6:15 PM] +91 94532 45771: क्राइम ब्यूरो_ मोहम्मद अहमद
जिला बाराबंकी
*सहन की भूमि पर जबरन कब्जे को लेकर दबंगों ने फूंका पीड़ित का घर, जान से मारने की दी एलानिया धमकी*
*पीड़ित परिवार की तहरीर पर मुकामी पुलिस द्वारा सुनवाई की जगह दबाव बनाने का आरोप*
हैदरगढ़, बाराबंकी। संदिग्ध परिस्थितियों में ग्रामीण का सपनों का आशीयाना जलकर खाक हो गया। जिसमें गृहस्थी का हजारों का समान नगदी इत्यादि भी जलकर स्वाहा हो गया। गनीमत रही कि पूरा परिवार बाहर सो रहा था जो सबकी जान बच गई। घर में मात्र बुजुर्ग ही मैजूद थे, जिन्हें जान पर खेलकर दहकती आग में से किसी तरह बचाकर बाहर ले आए। वहीं ग्रामीणों के अनुसार पीड़ित परिवार की भूमि पर जबरन कब्जे का प्रयास कर रहे दबंगों ने आतंकित परेशान परिवार को एलानिया धमकी भी दी है। जिसको लेकर पीड़ित की ओर से नामजद तहरीर देकर हैदरगढ़ पुलिस से न्याय एवं जानमाल की सुरक्षा की माँग की है।
प्राप्त जानकारी अनुसार मामला हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सुरिष्टगंज मजरे बहुता का है जहाँ पीड़िता ने पुलिस को लिखित शिकायत देकर नामजद लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। विवाद आबादी की सहन की भूमि के कब्जे को लेकर है जिसका मुकदमा कोर्ट मे लंबित है। ऊक्त गांव निवासी राजरानी पत्नी हीरालाल ने पुलिस को लिखित शिकायत मे बताया कि शुक्रवार की रात जब सब लोग सो रहे थे। तभी गरीब महिला की झोपड़ी मे रात लगभग 12 बजे विपक्षीगण रामनरेश पुत्र दुजई, दुर्गेश पुत्र रामनरेश, अरविंद पुत्र रामनरेश व बृजेश पुत्र रामकुमार ने आग लगा दी। जिससे राजरानी का पूरा घर उसमें रखी गृहस्थी जलकर राख हो गया। मामला तब और भी गंभीर हो गया जब घर व गृहस्थी जलकर खाक होने पूरा घर सदमें में था तभी दबंग विपक्षियों ने ऐलानिया धमकी दी कि अगर शिकायत पुलिस से की या रिपोर्ट दर्ज करायी तो इस बार सिर्फ घर फूंका है, अगली बार पूरे परिवार को जिंदा जला देंगे। जिसको लेकर पूरा परिवार आतंकित है वा सदमें में भी है। मीडिया को दिये बयान में पीड़ित परिवार ने बताया कि उनके ससुर जो लकवा से पीड़ित हैं, अगर समय रहते उनको झोपड़ी से न निकाल लेते तो जिंदा जल जाते। आग लगने से गरीब महिला का परिवार रो बिलख रहा है लेकिन सुनवाई कोई नहीं है। महिला ने रोते हुये बताया कि उनके पड़ोस मे रहने वाले हरिविलास पुत्र छेद्दू व धर्मराज पुत्र जगदीश प्रसाद ने विपक्षी जनों को आग लगाते हुये देखा है। वहीं पीड़ित परिवार के अनुसार पुलिस उनकी सुनवाई नहीं कर रही बल्कि उल्टा पीड़ित परिवार को ही फंसाने की धमकी दी जा रही है।पीड़िता ने यह भी कहा कि अगर उनको न्याय नहीं मिला तो वो एसपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर मामले की शिकायत करेंगी। अब देखना है कि पीड़ित परिवार की शिकायत दर्ज कर मामले की जांच होगी या फिर पीड़ित परिवार को दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना होना पड़ेगा।