*परतापुर घाट से रेत की तस्करी लगातार जारी है।*
रिपोर्टर/ स्वतंत्र नामदेव कांकेर ब्यूरो
परतापुर घाट में प्रति टैक्टर ट्रॉली 300 रुपये की अवैध वसूली हो रही है, जिससे शासन को लाखों रुपये की चपत लग रही है। यह पैसा शासन के खजाने में नहीं जा रहा है, बल्कि सीधे तस्करों के जेब में जा रहा है।
*पर्यावरण को नुकसान*
रेत की तस्करी से न केवल शासन को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। इससे नदियों के किनारे की जमीन का क्षरण हो रहा है और जल संसाधनों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
*प्रशासन की भूमिका*
प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि यह खेल उनके नाक के नीचे चल रहा है। लोगों का मानना है कि प्रशासन को इसकी जानकारी है, लेकिन वे जानबूझकर इसे नजर अंदाज कर रहे हैं।
*कार्रवाई की मांग*
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करे और तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। इससे न केवल शासन को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकता है, बल्कि पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है।
रेत की तस्करी के इस खेल में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारी को समझे और तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
*प्रधान मंत्री आवास बनाए जाने के लिए भविष्य में नहीं बचेगा रेत*
ग्रामीण किशोर कुमार, विद्युत, हरिकिशन, कमलेश कुमार का कहना है कि प्रशासन को मामले में तुरंत कार्यवाही कर तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। परतापुर घाट से अंधाधुन रेत उत्खनन से भविष्य में हम स्थानीय लोगों को प्रधानमंत्री आवास बनवाने के लिए महंगे दामों पर दूसरे घाटों से रेत लाना पड़ेगा, जल्द ही प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि कुछ दिन पूर्व ही परतापुर घाट में दस से बारह नग 14 चक्का हाइवा एवं पोखलेन मशीन का उपयोग कर राजनांदगांव में रेत की तस्करी कर रहे वाहनों को रोक कर ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पखांजूर अंजोर सिंह पैकरा को फोन पर अवैध खनन करने की जानकारी दिया था, जिस पर आज दिनांक तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई।
*सरकार की जिम्मेदारी*
सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने संसाधनों की रक्षा करे और पर्यावरण को सुरक्षित रखे। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करे और तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।
*अधिकारियों में खौफ*
बलरामपुर में हुए हादसे से अधिकारियों में खौफ है, ज्ञात हो कि लिब्रा घाट में चल रहे अवैध खनन को रोकने पहुंचे आरक्षक शिव भजन सिंह के ऊपर रेत माफियों के द्वारा गाड़ियां चढ़ा दी गई, मौके पर ही आरक्षक की मौत हो गई, जिससे अधिकारियों में माफियाओं का खौफ है, जिसका सीधा फायदा अब रेत माफिया उठा रहे है।
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पखांजूर अंजोर सिंह पैकरा से बात करने पर उन्होंने बताया परतापुर घाट से अवैध रेत उत्खनन का शिकायक प्राप्त हो रहा है जल्द ही टीम बनाकर कार्यवाही किया जाएगा।