Type Here to Get Search Results !
BREAKING
विज्ञापन
TTN24 न्यूज चैनल समस्त राज्यों से डिवीजन हेड, मार्केटिंग हेड एवं ब्यूरो रिपोर्टर बनने के लिए शीघ्र संपर्क करें — 📞 +91 9956072208, +91 9454949349, ✉️ ttn24officialcmd@gmail.com — साथ ही चैनल की फ्रेंचाइजी एवं TTN24 पर स्लॉट लेने के लिए संपर्क करें — 📞 +91 9956897606 — ☎️ 0522 3647097 | आपका पसंदीदा हिंदी न्यूज चैनल TTN24 अब उपलब्ध है सभी डिजिटल केविल नेटवर्क पर — जिओ टीवी, जिओ फाइबर चैनल नंबर 543, टाटा प्ले चैनल नंबर 2075, E-star डिजिटल केविल चैनल नंबर 201, DTH लाइव टीवी, स्मार्ट टीवी, एवं सभी एंड्रॉइड बेस्ड ओटीटी प्लेटफार्म एवं यूट्यूब फेसबुक Live 24x7. चैनल से जुड़ने के लिए शीघ्र संपर्क करें — 📞 +91 9956072208 | Head Office : llnd Floor Regency Tower, Shivaji Marg, Hussainganj, Lucknow (U.P.) 226018. Managing Director : Avneesh Dwivedi — 📞 +91 9956072208, +91 9794009727. समाचार, विज्ञापन एवं चैनल में किसी प्रकार की शिकायत एवं सुझाव के लिए कॉल करें — 📞 +91 9956072208

छतरपुर: संकट मोचन हनुमान जी का गिरिजाबंध रतनपुर में अलौकिक दरबार जहाँ नारी स्वरूप में पूजे जाते बजरंगबली 10,000 साल पुराना इतिहास, धरती से प्रकट हुई प्रतिमां।

संवाददाता: पंकज पाराशर 

 

.संकट मोचन हनुमान जी का गिरिजाबंध रतनपुर में अलौकिक दरबार जहाँ नारी स्वरूप में पूजे जाते बजरंगबली 10,000 साल पुराना इतिहास, धरती से प्रकट हुई प्रतिमां।

संकट मोचन हनुमान जी के देश भर में ऐसे कई मंदिर हैं, जो अलग अलग कारणों से प्रसिद्ध हैं और बिल्कुल अनोखे भी हैं l

त्रेताकाल में जितने अनूठे हनुमान जी थे, उतने अनूठे कलियुग में बने उनके मंदिर हैं। कहीं लेटे हुए हनुमान जी तो कहीं उल्टे हनुमान जी। कुछ मंदिरों में उनकी छोटी प्रतिमाएँ स्थापित हैं तो कहीं लगभग 100 फुट ऊँची। बजरंग बली का एक ऐसा ही मंदिर स्थित है छत्तीसगढ़ में जहाँ उनकी पूजा नारी स्वरूप में होती है। आइए जानते हैं, क्या कहानी है इस मंदिर की जहाँ स्थित है हनुमान जी की लगभग 10,000 साल पुरानी छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर बिलासपुर से 25 किमी दूर स्थित है रतनपुर। यहाँ स्थित है प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त और कलियुग के देव कहे जाने वाले अंजनीसुत का गिरिजाबंध हनुमान मंदिर। यह इस संसार का इकलौता मंदिर है जहाँ हनुमान जी स्त्री स्वरूप में पूजे जाते हैं। गिरिजाबंध हनुमान मंदिर में स्थापित हनुमान जी की नारी स्वरूप प्रतिमा के बारे में यह मान्यता है कि यह लगभग 10,000 साल पुरानी स्वयंभू प्रतिमा है। बताया जाता है बहुत समय पहले परम हनुमान भक्त राजा पृथ्वी देवजू रतनपुर में राज करते थे। राजा हमेशा ही हनुमान भक्ति में लीन रहते। एक बार की बात है, राजा देवजू को कुष्ठ रोग हो गया। बहुत इलाज कराने के बाद भी जब राजा का कुष्ठ रोग ठीक नहीं हुआ तब उनके जीवन में निराशा का भाव आने लगा। इसी दौरान एक दिन राजा देवजू के सपने में हनुमान जी आए और उनसे एक मंदिर बनवाने के लिए कहा। अपने आराध्य की बातें सुनकर राजा देवजू ने एक मंदिर का निर्माण करवाया।

मंदिर का निर्माण पूरा हो जाने के बाद एक बार फिर हनुमान जी राजा देवजू के सपने में आए और महामाया कुंड से अपनी प्रतिमा को निकालकर मंदिर में स्थापित करने के लिए आदेशित किया। जब राजा ने कुंड से हनुमान जी की प्रतिमा निकाली, तो सभी लोग दंग रह गए। हनुमान जी की वह प्रतिमा नारी स्वरूप में थी। ऐसी प्रतिमा न तो पहले कभी देखी गई थी और न ही हनुमान जी की ऐसी किसी प्रतिमा के बारे में पहले कभी कुछ सुना गया था। हनुमान जी का आशीर्वाद मानकर उनकी नारी स्वरूप प्रतिमा को मंदिर में स्थापित कर दिया गया। इसके बाद राजा का कुष्ठ रोग भी दूर हो गया l।हनुमान जी की यह नारी स्वरूप प्रतिमा दक्षिणमुखी है। दक्षिणमुखी हनुमान भक्तों के लिए परम पवित्र और पूज्य माने जाते हैं और उस पर भी उनकी नारी स्वरूप प्रतिमा, अपने आप में अद्वितीय है। इस प्रतिमा के बाएँ कंधे पर प्रभु श्रीराम और दाएँ कंधे पर अनुज लक्ष्मण विराजमान हैं। हनुमान जी के पैरों के नीचे 2 राक्षस भी हैं। हनुमान जी की कृपा से न केवल राजा का रोग दूर हुआ, बल्कि रतनपुर के लोगों का भी कल्याण हुआ।

Youtube Channel Image
TTN24 | समय का सच www.ttn24.com
Subscribe