Type Here to Get Search Results !
BREAKING
विज्ञापन
TTN24 न्यूज चैनल समस्त राज्यों से डिवीजन हेड, मार्केटिंग हेड एवं ब्यूरो रिपोर्टर बनने के लिए शीघ्र संपर्क करें — 📞 +91 9956072208, +91 9454949349, ✉️ ttn24officialcmd@gmail.com — साथ ही चैनल की फ्रेंचाइजी एवं TTN24 पर स्लॉट लेने के लिए संपर्क करें — 📞 +91 9956897606 — ☎️ 0522 3647097 | आपका पसंदीदा हिंदी न्यूज चैनल TTN24 अब उपलब्ध है सभी डिजिटल केविल नेटवर्क पर — जिओ टीवी, जिओ फाइबर चैनल नंबर 543, टाटा प्ले चैनल नंबर 2075, E-star डिजिटल केविल चैनल नंबर 201, DTH लाइव टीवी, स्मार्ट टीवी, एवं सभी एंड्रॉइड बेस्ड ओटीटी प्लेटफार्म एवं यूट्यूब फेसबुक Live 24x7. चैनल से जुड़ने के लिए शीघ्र संपर्क करें — 📞 +91 9956072208 | Head Office : llnd Floor Regency Tower, Shivaji Marg, Hussainganj, Lucknow (U.P.) 226018. Managing Director : Avneesh Dwivedi — 📞 +91 9956072208, +91 9794009727. समाचार, विज्ञापन एवं चैनल में किसी प्रकार की शिकायत एवं सुझाव के लिए कॉल करें — 📞 +91 9956072208

इटावा/जसवंतनगर:आर्य समाज से क्यों जुड़ना चाहिए. भटपुरा में हुआ सतसंग।

 संवाददाता: एम.एस वर्मा इटावा ब्यूरो चीफ,सोशल मीडिया प्रभारी 6397329270

   मनोज कुमार जसवंत नगर 7409103606


आर्य समाज एक हिन्दू सुधार आंदोलन है. जिसकी स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने 1875में बंबई में मथुरा के स्वामी बिरजानांद की प्रेरणा से की थी. यह आंदोलन पश्चात्य प्रभावों की प्रतिक्रिया स्वरुप हिंदू धर्म सुधार के लिए प्रारम्भ हुआ था. आर्य समाज में शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास करते थे, तथा मूर्ति पूजा अवतवाद, बलि झूठे कर्मकांड व अन्धविश्वासों को अस्वीकार करते थे. इसमें छुआछूत व जातिगत भेदभाव का विरोध किया.


स्त्रियों व शुद्रो को भी यज्ञयो पबीत धारण करने व बेद पढ़ने का अधिकार दिया था.

स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रन्थ आर्य समाज का मूल ग्रंथ है. आर्य समाज का आदर्श बाक्य है कणवंतो विश्वमार्यम, जिसका अर्थ है विश्व को आर्य बनाते चलो   आर्य समाज 


आर्य समाज का संस्कृत में अर्थ है कुलीनों का समाज. आर्य समाज की स्थापना सबसे पहले 1857 में 10अप्रैल को स्वामी दयाननंद सरस्वती द्वारा बॉम्बे में की गई थी. जिसे अब मुंबई के नाम से जाना जाता है. इस समाज ने भारतीयों के धार्मिक दृष्टिकोण में गहरा बदलाव लाया.


आर्य समाज उन हिंदू संगठनों में में से एक था जिसने,1800 के दशक में भारत में नागरिक अधिकार आंदोलनों को बढ़ाने की दिशा में काम किया.उनकी शिक्षा ये आज की दुनियाँ में जरूरी है 


एक धार्मिक नेता से ज्यादा उन्होंने धर्म और भारतीय समाज की अवधारना पर गहरा प्रभाव छोड़ा. स्वामी जी ने किसी विशेष जाति का नहीं बल्कि सार्वभोमि ता का प्रचार किया. समाज ने वेदों की मान्यताओं पर आधारित मूल्यों और प्रथाओं को बढ़ावा दिया. यह पहला हिंदू संगठन था जिसने धर्मातरण की शुरुआत की. धर्मात्रण का मतलब है लोगों की धर्मिक या राजनैतिक मान्यताओं को बदलना. आर्य समाज ने जाति वाद, विधवा पुनर्विवाह और महिला सशक्तिकरण के खिलाफ अभियान चलाया.इनके अनुसार 

ईश्वर समस्त उचित ज्ञान का प्राथमिक श्रोत है.

यह सर्वज्ञ है वह पूजनीय है.

वेद उचित ज्ञान के शास्त्र है.आर्यो को इन्हें पढना, सुनना, और दूसरों को पढ़ाना चाहिए.

हमें सत्य को ग्रहण करना और असत्य का त्याग करना पढना चाहिए.

सभी कार्य धर्म का पालन करते हुए करना चाहिए.

आर्य समाज का उद्देश्य सभी के लिए शारीरिक और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना है.

सभी को प्रेम धार्मिकता और न्याय का पालन करना चाहिए.

हमें दूसरों के कल्याण के वारे में भी सोचना चाहिए.

सभी के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए समाज के नियमों का पालन करना चाहिए. जवकि व्यक्तिगत कल्याण के नियमों का पालन करना चाहिए सभी स्वतंत्र होने चाहिए.

ये विचार तीन दिवशीय वैदिक सतसंग समारोह वैदिक सेवा आश्रम भटपुरा सैफई में चल रहे सतसंग में पधारे आचार्य स्वदेश जी मुख्य अधिष्टाथा गुरुकुल विद्यालय वृंन्द्रावन मथुरा ने सतसंग में पधारे हजारों की भीड़ में रखे. इनके अलावा पंडित रुपबेल सिंह भजनोपदेशक हरियाणा, उदयवीर सिंह मथुरा स्वामी इंद्रदेव के अलावा गुरुकुल के शिष्य गणों ने भी आर्य समाज के वारे में बहुत ही ज्ञान बर्धक जानकारियां दी

 बाईट 

Youtube Channel Image
TTN24 | समय का सच www.ttn24.com
Subscribe