--- विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर — पूर्व विधायक गुलाब कमरों का नाम ही दूसरे जिले में भेज दिया, SIR प्रक्रिया पर बवाल
छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची का ऐसा खेल सामने आया है जिसने पूरे प्रदेश की चुनावी प्रक्रिया पर सवालों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। भरतपुर–सोनहत के पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराते हुए यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि उनका नाम विधानसभा क्षेत्र से गायब कर उन्हें धर्मजयगढ़ में मैप कर दिया गया, जबकि वे सालों से भरतपुर–सोनहत के नियमित मतदाता हैं।पूर्व विधायक जैसे जनप्रतिनिधि के नाम में इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आने से राजनीतिक गलियारों से लेकर प्रशासन तक हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि सवाल बड़ा है – जब एक पूर्व विधायक को ही अपना नाम वापस दर्ज कराने में संघर्ष करना पड़ रहा है, तो आम मतदाता की स्थिति क्या होगी।
गुलाब कमरों द्वारा निर्वाचन आयोग को भेजे गए पत्र में साफ लिखा है कि SIR यानी स्पेशल इंटिग्रेटेड रिवीजन नाम की प्रक्रिया के दौरान BLO ने उनके रिकॉर्ड की गलत मैपिंग कर दी। सिस्टम बार–बार अलर्ट दे रहा था, नाम दर्ज नहीं हो रहा था और शिकायत करने पर पता चला कि उनका नाम साल्ही से हटाकर धर्मजयगढ़ में चढ़ा दिया गया है। उनके EPIC नंबर, ग्राम पंचायत रिकॉर्ड, मतदाता सूची की पूर्व प्रविष्टियां – सब होने के बावजूद ऐसा कैसे हुआ, यह बड़ा सवाल है।
इसी बीच, प्रदेश कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह मुद्दा और भड़क उठा। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में व्यवस्थित तरीके से मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं और हजारों लोगों की गलत मैपिंग की जा रही है। उनका आरोप है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर मतदाता सूची को छेड़छाड़ कर कमजोर किया जा रहा है और यह कोई सामान्य तकनीकी त्रुटि नहीं बल्कि सुनियोजित गड़बड़ी है।
सोशल मीडिया पर भी मामले ने आग पकड़ ली है, जहां यह सवाल तेज़ी से उठ रहा है कि क्या मतदाता सूची में यह हस्तक्षेप केवल SIR की आड़ में चल रहा है या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। कई लोगों ने तो यह भी कहा कि जब पूर्व विधायक को ही मतदाता होने का प्रमाण देना पड़ रहा है, तब आम आदमियों के नाम कब और कैसे काटे जा रहे होंगे, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं।
यह पूरा मामला राहुल गांधी के उस बयान को भी हवा दे रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में वोट चोरी का खेल चल रहा है और मतदाता सूची में गड़बड़ी लोकतंत्र की सबसे खतरनाक स्थिति है। जब मतदाता का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाए, तो चुनाव की निष्पक्षता अपने आप संदिग्ध हो जाती है।
पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने स्पष्ट कहा है कि वे भरतपुर–सोनहत विधानसभा के ही मतदाता हैं और उसी क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। उनका नाम किसी दूसरे विधानसभा क्षेत्र में डालना न केवल गलत बल्कि चुनावी शुचिता के खिलाफ है। उन्होंने गलत मैपिंग को रद्द कर सही प्रविष्टि बहाल करने और पूरे मामले की तकनीकी जांच कराने की मांग की है।
मामला जैसे-जैसे गहराता जा रहा है, वैसे-वैसे यह साफ होता जा रहा है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मुद्दा नहीं बल्कि मतदाता सूची की व्यापक विश्वसनीयता का संकट है। चुनावी सिस्टम की नींव मतदाता सूची है और जब उसी में छेड़छाड़ उजागर होने लगे तो यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बन जाती है।
इस पूरे विवाद से स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की राजनीति का बड़ा मुद्दा “मतदाता सूची में गड़बड़ी” ही रहने वाला है और SIR प्रक्रिया की जांच की मांग और तेज़ होगी।
