--- विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
**छत्तीसगढ़ पीडीएफ वितरण शासकीय उचित मूल दुकानों पर गंभीर आरोपकई महीनों से चना गायब, घटिया चावल और ₹17 की शक्कर ₹20 में**
छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कई महीनों से राशन दुकानों में चना वितरण बंद है, लेकिन सरकार की ओर से कोई स्पष्ट आदेश सामने नहीं आया है।कार्डधारकों का आरोप है कि दुकानों में 90% तक घटिया धान-मिल का चावल दिया जा रहा है। ₹17 प्रति किलो शक्कर ₹20 में वसूली जा रही है।
केवाईसी के नाम पर जिसका केवाईसी हुआ है और जिसका नहीं हुआ है — दोनों का चावल काटा जा रहा है, और कहा जा रहा है कि अगले महीने और कटौती होगी। जिस व्यक्ति का केवाईसी के पहले राशन वितरण हो चुका हैना टोल-फ्री नंबर लगता है, ना अधिकारी फोन उठाते हैं, ना फूड इंस्पेक्टर जांच में नजर आते हैं।
उपभोक्ता अधिकार अधिनियम 1986 सिर्फ राशन कार्ड पर लिखा नजर आता है। जमीनी स्तर पर उपभोक्ता का अधिकार गोल सिर्फ कागज पर सिमट कर रह गया गरीबों का अधिकार उपभोक्ता का अधिकार
जनता पूछ रही है —
कब मिलेगा हमारा चना?
कब मिलेगा साफ चावल?
और खाद्य मंत्री कब सुनेंगे गरीबों की फरियाद? कहां है खाद्य मंत्री क्या इसी विश्वास से हम लोगों ने इस भाजपा सरकार को चुना था जो गरीबों का अधिकार और चना ही गोल कर दी पूर्व की सरकार में टाइम पर मिलता था चना और वितरण पीडीएफ चावल साफ सुथरा काडधारकों को वितरण किया जाता था वर्तमान की सरकार गरीबों के साथ अत्याचार अधिकार करने का काम कर रही है



