मध्य प्रदेश छिंदवाड़ा से संवाददाता मनीष इंगोले की रिपोर्ट *सुरक्षित मातृत्व अभियान ने बदली उच्च जोखिम गर्भवती की कहानी*
*नियमित निगरानी, पोषण परामर्श एवं विभागीय समन्वय से उच्च जोखिम गर्भावस्था भी बनी सुरक्षित*
*माँ और शिशु दोनों स्वस्थ*
*छिंदवाड़ा/ 21 दिसंबर 2025/* जिले के नवाचार "सुरक्षित मातृत्व अभियान" के तहत गर्भवती महिलाओं एवं उनके जोखिम के स्तर का समय पर चिन्हांकन, नियमित निगरानी, पोषण परामर्श और विभागीय समन्वय से उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं का भी सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित कराया जा रहा है और जच्चा - बच्चा दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। इसी के तहत महिला एवं बाल विकास परियोजना हर्रई के अंतर्गत संचालित सुरक्षित मातृत्व अभियान ने ग्राम तेंदनी की एक गर्भवती महिला के जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन लाकर एक मिसाल कायम की है।ग्राम तेंदनी की गर्भवती महिला श्रीमती रामसखी का एल.एम.पी 25 फरवरी 2025 था, जिसके अनुसार संभावित प्रसव तिथि 21 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई थी। गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण में महिला का वजन मात्र 35 किलोग्राम था, जिसके कारण उसे उच्च जोखिम (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) की श्रेणी में चिन्हांकित किया गया था।
महिला की प्रथम जांच 13 मई 2025 को कराई गई एवं उसी दिन उसका आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीयन किया गया। महिला का वजन अत्यंत कम होने के कारण सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा पूरी गंभीरता के साथ महिला की लगातार स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीता एवं सेक्टर सुपरवाइजर एलिस कुजूर द्वारा महिला को नियमित रूप से वीडियो कॉल के माध्यम से भी परामर्श दिया गया। महिला के स्वास्थ्य, खान - पान, पूरक पोषण आहार के नियमित उपयोग एवं विशेष आहार पर लगातार मार्गदर्शन दिया गया। परियोजना अधिकारी एवं खंड चिकित्सा अधिकारी के कुशल मार्गदर्शन में महिला की नियमित निगरानी सुनिश्चित की गई।
निरंतर परामर्श, सहयोग एवं पोषण संबंधी जागरूकता के परिणामस्वरूप महिला के वजन में उल्लेखनीय सुधार हुआ और गर्भावस्था के दौरान उसका वजन 35 किलोग्राम से बढ़कर 43 किलोग्राम हो गया। जिसके बाद रविवार 21 दिसंबर 2025 को ही महिला ने हर्रई हॉस्पिटल में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। वर्तमान में मां एवं शिशु दोनों पूर्णतः स्वस्थ हैं।
यह कहानी इस बात का सशक्त उदाहरण है कि समय पर पहचान, नियमित निगरानी, पोषण परामर्श एवं विभागीय समन्वय से उच्च जोखिम गर्भावस्था को भी सुरक्षित एवं सफल बनाया जा सकता है। कलेक्टर श्री हरेंद्र नारायन के मार्गदर्शन में जिले में संचालित "सुरक्षित मातृत्व अभियान" वास्तव में माताओं एवं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक प्रभावी पहल साबित हो रहा है।
