लोकेशन आलोट रिपोर्टर सुनील चोपड़ा
दुनिया में उच्च आदर्शों का प्रकाश फैलाकर पिघल जाने की शिक्षा हमें मोमबत्ती से मिलती है-आचार्य
हमें अपना जन्म दिन मोमबत्ती बुझाकर नहीं, दीपक जलाकर मनाना चाहिए। दुनिया में उच्च आदर्शों का प्रकाश फैलाकर पिघल जाने की शिक्षा हमें मोमबत्ती से मिलती है। हमें व्यर्थ में तपकर नहीं अपितु स्वपर के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर जीवन यात्रा संपन्न करना चाहिए।उक्त वक्तव्य श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ उन्हैल में चल रहे 45 दिवसीय उपधान तप महोत्सव के दौरान सैकड़ों उपधान तप आराधक एवं श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए आचार्य जितरत्न सागर सूरी मसा ने व्यक्त किए। धर्मसभा को मुनिराज ज्ञानेशरत्न सागर ने भी संबोधित किया।
गुरुवार को आचार्य का 64 वां जन्म दिवस हर्षोल्लास एवं धार्मिक आराधना के साथ मनाया गया। इसमें गुरु गुणानवाद, प्रवचन एवं गुरु भक्ति गीतों के साथ ही उपस्थित गुरुभक्तों ने गुरूदेव के गुणों का श्रवण किया। इस अवसर पर उपधान तप के आयोजक ममता अजयकुमार खिमेसरा परिवार नागेश्वर उन्हैल ने रुद्राक्ष गोशाला में गायों को हरा चारा भी खिलाया।
कार्यक्रम के अवसर पर साध्वी शीलरेखा, उपधान तप प्रेरिका कल्प-शासन ज्योति, अमीपूर्णा, निर्मल गुणा, मोक्ष ज्योति एवं चन्द्रप्रभा श्रीजी की शिष्या कुशलप्रज्ञा मसा आदि ठाणा ने अपना सानिध्य प्रदान किया।
प्रवचन के दौरान आयोजक परिवार के संघवी ममता अजय कुमार खिमेसरा परिवार की ओर से विशिष्ट प्रभावना की गई। प्रवचन में गुरुपूजा एवं दीप प्रज्ज्वलन का लाभ चन्द्रप्रभु स्वामी जैन संघ देवास एवं 64 लक्की ड्रा का लाभ केसरबाई जैन नागेश्वर उन्हैल ने लिया।
