विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
**चिरमिरी में पहली बार बुलडोज़र… लेकिन कार्रवाई ‘चुनिंदा’? पुराने और नए निर्माण पर खुली छूट राजनीतिक दबाव पर सिर्फ बुलडोजर चलाया गया खास जगह पर राजनीतिक दबाव के बीच नए अवैध निर्माण बेलगाम
चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में अवैध कब्जों को लेकर हुई पहली बुलडोज़र कार्रवाई के बाद शहर में नई चर्चा शुरू हो गई है। लोगों का कहना है कि “बुलडोज़र वहां चलता है, जहां दबाव होता है… और जहां राजनीतिक आशीर्वाद हो, वहां निर्माण वैसे ही चलता रहता है।”यह मुद्दा शहर में बवाल की तरह फैल गया है कि विभागीय अधिकारी खुले तौर पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे, क्योंकि उन पर वर्तमान सरकार के प्रभाव और राजनीतिक दबाव का असर साफ दिखाई देने लगा है—जो पूर्व के कांग्रेस कार्यकाल के समय कभी इस स्तर पर नहीं देखा गया था।
छोटी बाजार में पहली बार चली कार्रवाई — पूरा शहर हैरत में!कुछ दिन पहले छोटी बाज़ार क्षेत्र में नाली और रास्ते पर बने अवैध निर्माण पर SDM व नगर निगम ने बुलडोज़र चलाया।
यह चिरमिरी के इतिहास में पहली आधिकारिक बुलडोज़र कार्रवाई मानी जा रही है।
लेकिन जनता के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है—
**क्या सिर्फ चुने हुए निर्माण ही तोड़े जाएंगे?
क्या पुराने कब्जों पर कार्रवाई नहीं होगी?**
क्योंकि—
आधा शहर सरकारी ज़मीन, नाले–नालियों पर बने पुराने कब्जों से भरा है
लेकिन उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई
वहीं दूसरी ओर नए अवैध निर्माण तेज़ी से बढ़ रहे हैं, और प्रशासन की चुप्पी इन निर्माणकर्ताओं के लिए “खुली ग्रीन सिग्नल” जैसी बन चुकी है
मोहन कॉलोनी से परशुराम तिराहा तक—नए कब्जे धड़ल्ले से जारीमोहन कॉलोनी के नए सीसी रोड के किनारे से लेकर परशुराम तिराहा तक दिन–रात अवैध निर्माण जारी हैं, लेकिन यहां न तो रोक–टोक और न ही कोई नोटिस दिखाई देता है।
सबसे चर्चित मामला—
संतोष नामक व्यक्ति द्वारा ‘झाला/पनी’ खड़ी कर दुकान का कब्जा करने की तैयारी।
खूंटा गाड़कर ज़मीन तैयार कर ली गई, जिससे लोगों में यह चर्चा तेज़ है कि जल्द ही यहाँ पक्का निर्माण खड़ा हो जाएगा।
परशुराम तिराहा के आसपास भी कई निर्माण तेज़ी से बढ़ रहे हैं—
लेकिन नगर निगम, पटवारी, राजस्व, SDM, SEC/वन विभाग—
किसी की तरफ से अब तक रोक-टोक नहीं।
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6 नंबर गोलाई: जेक्सन द्वारा 8 कॉलम का अवैध ढांचा—फिर भी प्रशासन मौन
हल्दीबाड़ी 6 नंबर गोलाई के आगे मुख्य मार्ग के किनारे
जेक्सन नामक व्यक्ति द्वारा 8 कॉलम का अवैध निर्माण तेजी से खड़ा किया जा रहा है।
सड़क पहले से संकरी
किनारे गिट्टी–रेता openly गिराई गई
कॉलमों की खुदाई कर ढांचा पूरी तेजी से खड़ा किया जा रहा
और यह सब प्रशासन की आंखों के सामने हो रहा है।
किसी विभाग ने नोटिस तक नहीं दिया।
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प्रशासन सवालों के घेरे में — राजनीतिक दबाव सबसे बड़ा कारण?
शहर में लगातार यह चर्चा तेज़ है कि—
**• जहां राजनीतिक दबाव है, वहां कार्रवाई होती है
• जहां सेटिंग है, वहां कब्जा चलता है
• अधिकारी खुलकर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं
• वर्तमान सरकार का दबाव अब खुलेआम दिख रहा है**
लोगों का कहना है कि चिरमिरी में पहली बार बुलडोज़र चलना निश्चित तौर पर बड़ा कदम है,
लेकिन उसकी चयनित शैली ने सवालों को और बढ़ा दिया है।
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कानून साफ कहता है — लेकिन कार्रवाई कागज़ों तक सीमित
नियमों के अनुसार—
सरकारी भूमि, नाले, नाली, सड़क पर कब्जा पूर्णत: गैरकानूनी
तत्काल रोक, नोटिस, ध्वस्तीकरण अनिवार्य
धारा 133 / 247 के तहत कार्रवाई
राजस्व विभाग को रिपोर्ट अनिवार्य
लेकिन चिरमिरी में—
काग़ज़ और ज़मीन पर दो अलग दुनिया दिखती हैं।
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**निष्कर्ष—
चिरमिरी में अवैध निर्माणों की असली सरकार कौन?**
मोहन कॉलोनी से 6 नंबर गोलाई और परशुराम तिराहा तक—
अवैध कब्जे बढ़ रहे
कार्रवाई चयनित
प्रशासन मौन
और राजनीतिक हस्तक्षेप की चर्चा तेज़
लोगों का सवाल बिल्कुल सीधा है—
**क्या चिरमिरी में कानून चलता है…
या फिर “जिसका दबदबा, उसका कब्जा” वाली व्यवस्था?**


