--- विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
चिरमिरी में पीडीएस चावल की कालाबाजारी चरम पर—कई वार्डों की दुकानों पर बड़े खेल का खुलासा, प्रशासन मौन
गरीबी रेखा के कार्डधारकों को सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही सरकारी पीडीएस योजना चिरमिरी में बुरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है। शहर के कई वार्डों में पीडीएस चावल की खुलेआम खरीदी–बिक्री और संगठित नेटवर्क द्वारा कालाबाजारी के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। वहीं प्रशासनिक कार्यवाही न होना भी लोगों के बीच सवालों का बड़ा विषय बन गया है।सुबह-सुबह मोटरसाइकिल और पिकअप से ‘राशन लिफ्टिंग’—सूत्रों का बड़ा दावा
सूत्रों के अनुसार, रोजाना सुबह कई राशन दुकानों से मोटरसाइकिल और पिकअप वाहनों में बोरी भर-भरकर चावल उठाया जाता है और शहर के अलग-अलग स्थानों में डंप कर महंगे दाम पर बेच दिया जाता है। यह अवैध खेल लंबे समय से बेरोकटोक चल रहा है।वार्ड 16 की उचित मूल्य दुकान पर सबसे बड़े गोरखधंधे का आरोप
सूत्रों की पुष्टि के अनुसार वार्ड क्रमांक 16 भुरकुंडी की शासकीय उचित मूल्य दुकान पर कई दिनों से भारी पैमाने पर चावल की कालाबाजारी चल रही है।
इस दुकान पर बैठने वाली महिला और उसके परिवार पर पहले भी इसी प्रकार की शिकायतें आ चुकी हैं। बताया जा रहा है कि पहले मनोज गुप्ता पर शिकायतें दर्ज थीं और अब उनकी पत्नी दुकान संचालित कर रही हैं। भुरकुंडी दुकान पर सेल्समैन के रूप में बैठी हैं जो सोशल मीडिया पर भी इस दुकान की गतिविधियों को लेकर चर्चाएँ हो रही हैं।
भुरकुंडी शासकीय दुकान भी संदेह के घेरे में, गुप्ता परिवार चावल व्यापार से जुड़ा? जो पहले सड़क दफाई वार्ड क्रमांक 13 की दुकान शासकीय उचित मूल दुकान चलाई जा रही थी जिसमें दुकान संचालित थी उसी दुकान पर मांल इकट्ठा करके चावल पीडीएफ रखा जा रहा है लाकर जो सोशल मीडिया पर वीडियो भी चर्चित बना हुआ है जो एक भारी जांच का विषय है उसके बावजूद 16 नंबर वार्ड दुकान भुरकुंडी सेल्समैन के रूप में बैठाया गया हैभुरकुंडी की शासकीय राशन दुकान में भी चावल खरीद-फरोख्त के गंभीर आरोप सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि दुकान संचालक खुद एक चावल व्यापारी भी है, जिससे संदेह और गहरा हो गया है कि सरकारी चावल को निजी कारोबार में खपाया जा रहा है। शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन कार्रवाई शून्य है। चिरमिरी में हर शासकीय उचित मूल्य दुकान पर गुप्ता परिवार के द्वारा लगातार चावल खरीदी का मामला बार-बार सामने आ रहा शासकीय उचित मूल दुकान खोलते ही अगल-बगल इनका मंडराना शुरू हो जाता है बाइक और पिकअप लेकर जो महंगे और सस्ते दर पर खरीद के उसे मिल पर भेज.के चावल की सफाई और पतला करके ऊंचे दाम पर 60 से ₹70 तक मार्केट में बेचा जा रहा है बड़ा रैकेट चल रहा है चिरमिरी में
हल्दीबाड़ी क्षेत्र में भी गोरखधंधा—तीन दुकानों पर आरोपहल्दीबाड़ी वार्ड क्रमांक
12
13
11
16.
इन तीनों दुकानों पर भी पीडीएस चावल की कालाबाजारी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्ड धारकों से चावल उठाकर सेल्समैन और दुकान संचालक स्वयं उसे खरीद लेते हैं और बाद में उसे बाजार में महंगे दाम पर बेच देते हैं। राजनीतिक दबाव पर नहीं करते हैं अधिकारी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही शासन प्रशासन के द्वारा खुली छूट भ्रष्टाचारी में दी जा रहे हैं जो दुकान संचालक सेल्समैन को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं करते हैं विभागीय अधिकारी कार्यवाही सब सेटिंग से काम चल रहा है
**प्रशासन पर गंभीर सवाल— खाद्य विभाग इंचार्ज फुल इंस्पेक्टर लापता की खोज नहीं होती है कभी एंट्री नहीं होती है उसके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं बताया जाता है मीडिया को स्पष्ट जानकारी जबकि शासन प्रशासन मीडिया के सवालों से भागते नजर आते हैं जबकि उनकी बड़ी जिम्मेदारी होती है स्पष्ट रूप से मीडिया को बताएं और मीडिया अपने समाचार के माध्यम से जनता को स्पष्ट साफ जानकारी दे सके जिससे समाज में फैल रहे भ्रष्टाचार को मीडिया स्पष्ट रूप से समाज को दिखा सके।



