विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ
चिरमिरी नगर निगम. पलथा जाम.वार्ड क्रमांक 8 की पांडो बस्ती आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित — सरकारी योजनाएं धरातल पर फेल!
चिरमिरी। कोरिया के पलथा जाम क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 8 की पांडो बस्ती आज भी सरकारी योजनाओं और जन सुविधाओं से कोसों दूर है। लगभग 30 से 40 परिवारों वाली इस बस्ती में अधिकांश पांडो जनजाति के लोग निवास करते हैं, जिनके लिए सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती हैं — जैसे 32 प्रतिशत आरक्षण, निशुल्क छात्रावास, स्वास्थ्य सेवाएं, आवास योजना और आर्थिक सहायता।लेकिन हकीकत में यह सभी सुविधाएं इस बस्ती तक पहुंच नहीं पा रही हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां न स्कूल है, न आंगनबाड़ी केंद्र। कई छोटे बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मोबाइल मेडिकल यूनिट बस यहां तक कभी नहीं आती है। गर्भवती महिलाएं दर्द में तड़पती रहती हैं, एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती। मुख्य मार्ग तक खाट पर ढो.कर ले जाना पड़ता है सड़क मार्ग तक नहीं है आधी अधूरी सड़क मार्ग पुलिया पड़ी है बरसात में बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते.है सिर्फ यूनिट बस स्वास्थ सुविधा कोरिया मुख्य बाजार पर सुविधा दी जाती है जबकि यह ग्रामीण पाडो बस्ती पिछड़ा वर्ग ग्रामीण इलाके में किसी प्रकार की कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं है और कई छोटे बच्चे और महिलाएं ठंड मे सर्दी बुखार अन्य बीमारी से पीड़ित स्वास्थ्य सुविधा के लाभ से बाहर नजर आ रहे हैं जमीनी स्तर पर स्वास्थ सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है इन पाडो ग्रामीणों को अन्य और जन सुविधा के लाभ से बाहर जैसे की
बिजली और पानी की स्थिति भी बेहद खराब है। कई घरों में आज तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों द्वारा बिजली और मीटर लगाने के नाम पर ₹300 से लेकर ₹3000 तक की मांग की गई थी और मीटर लगाने का चार्ज ₹300 कई घरों से भी लिया गया ग्रामीण महिलाओं ने बताया और आरोप लगाया जब इस संबंध में पत्रकारों ने चिरमिरी बिजली अभियंता किशोर किंडो से बात की तो उन्होंने जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। और पत्रकारों के द्वारा अधूरे घर पर छुटे लाइट कनेक्शन बिजली कनेक्शन देने की बात भी बिजली अभियंता किशोर किडो से कही गई जिस पर चिरमिरी बिजली अभियंता के द्वारा अवसन.दिया गया
वार्ड में सड़क और पुलिया अधूरी पड़ी है — दो साल से काम अटका हुआ है। बरसात के मौसम में पानी भर जाने से बच्चों और बुजुर्गों का आना-जाना तक बंद हो जाता है। रात में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं होने से पूरा इलाका अंधेरे में डूबा रहता है, जिससे जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। और अभी के जंगली जानवर चीता का दहशत भी पूरे गांव में ख्पा.बना हुआ है
ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि अगर कोई बीमार पड़ता है तो उन्हें 8 किलोमीटर दूर बड़ी बाजार तक कई कठिनाइयों के साथ ले जाना पड़ता है और मुख मार्ग तक खाट पर ले जाना पड़ता है। और इस क्षेत्र में किसी प्रकार की यातायात सुविधा तक नहीं है जो कि पहले सिटी बस के संचालन से कुछ सुविधाएं मिल जाती थी हल्दीबाड़ी और बड़ी बाजार जाने तक की लेकिन अब वह भी नहीं मिल पाती है हम लोगों को.कई परिवारों के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी और श्रम कार्ड तक नहीं हैं।
पत्रकारों ने जब वार्ड क्रमांक 8 की महिला पार्षद से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि वे व्यस्त हैं और बाद में मिलेंगी। इस पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि चुनाव के समय वादे बड़े-बड़े किए जाते हैं, लेकिन बाद में नेता झांकने तक नहीं आते।
स्थानीय लोगों ने अब विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी से मांग की है कि इस क्षेत्र तक सड़क और स्वास्थ्य यूनिट बस की सुविधा तत्काल पहुंचाई जाए, बिजली और पानी की समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए और सभी पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिले।ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले 40 वर्षों से इस बस्ती में रह रहे हैं, लेकिन अब तक किसी को भूमि का पट्टा तक नहीं मिला। सभी लोग झोपड़ीनुमा मकानों में रहकर गुजर-बसर कर रहे हैं।
यह दृश्य और दर्द सरकार के उन वादों की सच्चाई बयां करता है, जिनके अनुसार हर व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया गया था। परंतु पांडो बस्ती के लोगों के लिए विकास अब भी ‘सपना’ बना हुआ है।
-



