ब्युरोचिफ:- विनोद पांडेय
जिला:- एम सी बी छत्तीसगढ़
*जिले में जल क्रांति की दिशा में बड़ा कदम*
*लिंक परियोजना से मिलेगा 100 लाख घन मीटर पानी
जिले के मनेंद्रगढ़-खड़गवां क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने एवं सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए एक महत्त्वाकांक्षी लिंक परियोजना प्रारंभ की जा रही है। इस परियोजना के माध्यम से क्षेत्र में जल संरक्षण, कृषि विकास और पेयजल उपलब्धता के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के अंतर्गत खुटबंर नदी, केवई नदी एवं कनई नाला पर तीन प्रमुख जलाशयों का निर्माण किया जाएगा। इन जलाशयों को आपस में लिंक नहरों द्वारा जोड़ा जाएगा, जिससे पानी का प्रवाह एक स्रोत से दूसरे में सुचारू रूप से हो सकेगा।*परियोजना की संरचना और प्रवाह प्रणाली*
परियोजना के अनुसार, खुटबंर जलाशय से पानी केवई जलाशय में प्रवाहित होगा, और वहां से कनई जलाशय तक पहुंचेगा। इसके पश्चात कनई जलाशय से पानी हसिया नदी में छोड़ा जाएगा, जहाँ एक पिकअप वियर का निर्माण किया जाएगा। इसी पिकअप वियर से मनेंद्रगढ़ शहर की जलापूर्ति के लिए मुख्य नहर निकाली जाएगी। साथ ही एक प्रमुख नहर हसदेव नदी को पार करते हुए खड़गवां क्षेत्र तक पहुंचेगी तथा एक अन्य ब्रांच नहर बुंदेली ग्राम तक विस्तारित होगी।
*सिंचाई और जल उपलब्धता में व्यापक लाभ*
इस महत्वपूर्ण लिंक परियोजना के माध्यम से गंगा बेसिन से महानदी बेसिन में लगभग 100 लाख घन मीटर पानी स्थानांतरित किया जाएगा। इससे मनेंद्रगढ़ एवं खड़गवां विकासखण्ड के लगभग 50 ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही पेयजल आपूर्ति में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। इसके अतिरिक्त केल्हारी क्षेत्र के ग्रामों को भी पर्याप्त जल उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे क्षेत्र में कृषि उत्पादकता में वृद्धि और ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार आएगा।
*जल संरक्षण और सतत विकास की दिशा में ऐतिहासिक पहल*
यह लिंक परियोजना एमसीबी जिले के लिए जल क्रांति का प्रतीक सिद्ध होगी। इससे क्षेत्र में जल संसाधनों का वैज्ञानिक उपयोग, भूजल स्तर में सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। परियोजना पूर्ण होने पर जिले की सिंचाई क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, फसल उत्पादन में निरंतर बढ़ोतरी होगी तथा दीर्घकालीन पेयजल संकट का समाधान संभव होगा। एमसीबी जिला प्रशासन एवं जल संसाधन विभाग इस परियोजना को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे क्षेत्र के किसानों और नागरिकों को स्थायी राहत मिल सके। इस परियोजना से क्षेत्र में डेयरी और मछली पालन जैसे गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
