दुमका शहर और झारखंड के लिए गर्व का पल – मयंक सिंह, सबसे युवा प्रतिनिधि, दलाई लामा से मिलने जा रहे हैं
ब्यूरो रिपोर्ट TTN 24
दुमका शहर और झारखंड के लिए यह वास्तव में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पल है। मयंक सिंह, जो वर्तमान में District CM School of Excellence, दुमका शहर में पढ़ाई कर रहे हैं, को महामहिम दलाई लामा से मिलने का निमंत्रण मिला है। यह अवसर न केवल मयंक के लिए, बल्कि पूरे दुमका शहर और झारखंड राज्य के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।मयंक सिंह अपनी युवाओं के लिए समर्पित सोच, सामाजिक कार्य और करुणा फैलाने की प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। छोटे शहर से निकलकर उन्होंने बड़े मंच पर अपनी पहचान बनाई है और अब वह अपने शहर और राज्य का प्रतिनिधित्व एक विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता के सामने करेंगे। यह पहली बार है जब दुमका शहर से कोई युवा इस स्तर पर दलाई लामा से मिलने जा रहा है, और यही इसे और भी विशिष्ट बनाता है।
मयंक के इस बुलावे ने उन्हें अत्यधिक उत्साहित और प्रेरित कर दिया है। उनके शिक्षक और माता-पिता भी गर्व और आशीर्वाद के साथ उनके साथ खड़े हैं। स्कूल प्रशासन ने भी इस उपलब्धि को अपने छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया है। मयंक ने हमेशा अपने स्कूल का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है, और अब वह इसे दलाई लामा जैसे विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता के सामने भी प्रस्तुत करेंगे।
मयंक सिंह ने हमेशा यह संदेश फैलाया है कि शांति, प्रेम और करुणा किसी भी परिस्थिति में सबसे महत्वपूर्ण हैं। अपने छोटे शहर दुमका से उठकर इस तरह के विश्व मंच पर पहुँचना यह दर्शाता है कि छोटे शहर के युवा भी बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें साकार कर सकते हैं। उनके प्रयास यह दिखाते हैं कि अगर निष्ठा, लगन और नेकनीयती से काम किया जाए, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
इस अवसर के माध्यम से मयंक सिंह अपने दुमका शहर और झारखंड राज्य का सम्मान और पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करेंगे। यह न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व का पल है, जो दिखाता है कि छोटे शहरों के युवा भी बड़े मंच पर अपनी छवि और योगदान दे सकते हैं।
मयंक का यह बुलावा सिर्फ उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि एक युवा अपनी मेहनत, करुणा और नेतृत्व के माध्यम से पूरे समुदाय और राज्य का गौरव बढ़ा सकता है। उनके माता-पिता और शिक्षक भी उनके इस सफर पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उनके साथ हर कदम पर खड़े हैं।
आने वाला महीना मयंक सिंह और उनके दुमका शहर के लिए इतिहास रचने वाला साबित होगा। यह अवसर युवा शक्ति, करुणा और नेतृत्व का प्रतीक बनकर हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाएगा। मयंक की यह उपलब्धि यह संदेश देती है कि छोटे शहरों और राज्यों से भी युवा विश्व मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं और बदलाव की मिसाल पेश कर सकते हैं।
मयंक सिंह की यह यात्रा सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि दुमका शहर और झारखंड के युवाओं के लिए एक उज्जवल भविष्य और प्रेरणा की मिसाल है। यह पल उनके जीवन और उनके शहर के इतिहास में हमेशा यादगार रहेगा।