कापसी में सिंदूर खेला: माता दुर्गा को भावभीनी विदाई, बंगाली धुनों पर नृत्य की प्रस्तुति।
पत्रकार स्वतंत्र नामदेव
कांकेर जिला ब्यूरो
आज कापसी में दुर्गा पूजा के समापन के अवसर पर बंगाली रीति-रिवाजों के अनुसार सिंदूर खेला का आयोजन किया गया, जिसने पूरे वातावरण को भक्ति और उल्लास से सराबोर कर दिया। यह परंपरा दुर्गा माता को विदाई देने और आगामी वर्ष में उनके फिर से आगमन की कामना का प्रतीक है।
इस भावुक क्षण की साक्षी बनने के लिए स्थानीय माताओं और बहनों की लंबी कतारें लगी थीं। सभी ने घंटों तक धैर्यपूर्वक इंतजार किया और अपनी-अपनी बारी आने पर श्रद्धापूर्वक मां दुर्गा की प्रतिमा को सिंदूर लगाकर उन्हें भावभीनी विदाई दी।
सिंदूर खेला के बाद, यह उत्सव एक मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम में बदल गया। उत्साह से भरी महिलाओं ने बंगाली गानों की मनमोहक धुनों पर सुंदर नृत्य प्रस्तुतियां दीं। उनका पारंपरिक और जोशपूर्ण नृत्य इस शुभ अवसर के आनंद और उत्साह को और बढ़ा गया।
यह आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा था, बल्कि इसने समुदाय के लोगों को एक साथ आने और अपनी सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने का अवसर भी प्रदान किया। सिंदूर खेला ने कापसी में दुर्गा पूजा के इस वर्ष के पर्व का एक यादगार और पारंपरिक तरीके से समापन किया।
