धान की बाली सूखने से किसान परेशान, 'ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन' ने माँगा तत्काल मुआवज़ा।
पत्रकार स्वतंत्र नामदेव
कांकेर जिला ब्यूरो
परलकोट क्षेत्र के किसानों की लहलहाती धान की फसल में बाली सूखने और चावल का अपरिपक्व रहने का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। इस अप्रत्याशित समस्या से किसान गहरे सदमे में हैं और उन्हें बड़े आर्थिक नुकसान की आशंका सता रही है। 'ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन' ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें फसलों का सर्वे और उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की गई है।संगठन द्वारा कलेक्टर महोदय, उप संचालक कृषि, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), और तहसीलदार सहित संबंधित अधिकारियों को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि खेतों में धान के पौधे तो हरे-भरे हैं, लेकिन बाली में चावल परिपक्व नहीं हो रहा है, बल्कि वह सूखकर 'बदरा' (खराब दाना) बन जा रहा है। किसानों ने इस समस्या के समाधान के लिए हजारों रुपये खर्च कर दिए हैं, लेकिन नुकसान दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
किसानों का कहना है कि धान उत्पादन सही मात्रा में नहीं होने से वे बैंक लोन, महाजन और समितियों के कर्ज तथा व्यापारियों की उधारी चुकाने में असमर्थ होंगे। खेती-किसानी के अलावा उनके पास आय का कोई अन्य साधन नहीं है, जिससे उनकी आगामी दिनों की गुजर-बसर पर भी संकट मंडरा रहा है।
किसानों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन ने प्रशासन से विनम्रतापूर्वक निवेदन किया है कि
उपरोक्त गंभीर समस्या का तत्काल समाधान करने हेतु फसलों का युद्धस्तर पर सर्वेक्षण किया जाए।
धान की बाली सूखने के मुख्य कारण और उसके निदान के लिए सर्वे टीम का गठन कर किसानों को सुरक्षित फसल उत्पादन की गारंटी दी जाए।
जिन खेतों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन किसानों को उनकी क्षतिग्रस्त फसलों का उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
संगठन ने अधिकारियों से किसानों की इस विकट परिस्थिति को समझते हुए तुरंत कष्ट निवारण करने की अपील की है। किसानों के अनुसार, यह संकट उनकी जीविका पर सीधा हमला है, जिस पर प्रशासन को शीघ्रता से ध्यान देना आवश्यक है।
