*गुजरात देश के विकास का ‘ग्रोथ इंजन’ बन गया है और आने वाला समय उत्तर गुजरात के औद्योगिक विकास का होगा: मंत्री बलवंतसिंह राजपूत*
*‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ का विस्तार सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए हिम्मतनगर में ‘वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेन्स’ के अंतर्गत ज़िला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित*
*सेमीकंडक्टर प्लान्ट की स्थापना के लिए मात्र 6 दिन में भूमि का आवंटन, गुजरात की ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ नीति का उत्कृष्ट उदाहरण*
रिपोर्ट भरतसिंह आर ठाकोर अरवल्ली गुजरात
गुजरात को देश के विकास का ‘ग्रोथ इंजन’ बनाने के बाद अब राज्य सरकार औद्योगिक विकास का लाभ ज़िला और तालुका स्तर तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी लक्ष्य के साथ, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ के विज़न को आगे बढ़ाते हुए और मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर में ‘वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस’ के अंतर्गत ज़िला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रभारी एवं उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत की अध्यक्षता में हुई इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि “भारत और गुजरात के विकास को 2047 तक सर्वोच्च शिखर तक पहुँचाना हमारा संकल्प है और आने वाला समय उत्तर गुजरात के औद्योगिक प्रगति का होगा।”
‘रीजनल एस्पिरेशन्स, ग्लोबल एम्बिशन्स’ थीम पर आधारित इस कॉन्फ्रेंस में मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में गुजरात ने अनेक क्षेत्रों में प्रगति की है और 180 से अधिक देशों की कंपनियों ने यहाँ निवेश किया है, जिससे रोज़गार के अवसर बड़ी संख्या में बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य का युद्ध हथियारों से नहीं बल्कि आर्थिक सामर्थ्य से होगा और भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर बनाने के लिए गुजरात को आत्मनिर्भर बनाना ज़रूरी है। इसके लिए उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्राथमिकता देने की बात कही और जॉब सीकर के स्थान पर जॉब गिवर बनने की प्रेरणा दी।
उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत ने गुजरात सरकार की पारदर्शी नीतियों की चर्चा करते हुए कहा कि “सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्यमियों को सभी स्वीकृतियाँ एक ही स्थान पर मिल जाती हैं। आवेदक यह भी देख सकता है कि उसकी फाइल किस अधिकारी के पास है।” उन्होंने सेमीकंडक्टर प्लांट का उदाहरण देते हुए बताया कि “जब विश्व के केवल पाँच देशों में सेमीकंडक्टर बनते थे, तब गुजरात सरकार ने इस तकनीक के महत्व को समझते हुए मात्र 6 दिनों में ज़मीन आवंटित की थी, जो ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ का उत्तम उदाहरण है। सरकार की इस व्यापार-अनुकूल नीतियों ने भारत देश की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है,”
उद्योग आयुक्त श्री पी. स्वरूप ने मेहसाणा में आयोजित होने वाली आगामी रीजनल कॉन्फ्रेंस का उल्लेख करते हुए कहा कि साबरकांठा कृषि आधारित ज़िला है, इसलिए यहाँ ‘एग्रो प्रोसेसिंग’ पर और अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने स्थानीय उद्योगपतियों से B2B और B2G बैठकों में सक्रिय भागीदारी और प्रदर्शनी में अपने स्टॉल लगाने का आग्रह किया।
ज़िला कलेक्टर श्री ललित नारायण सिंह संधू ने इस कॉन्फ्रेंस के लाभ गिनाते हुए कहा कि इससे ज़िले में उद्योग और रोज़गार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और यह निवेश, नेटवर्किंग और वैश्विक बाज़ार से जुड़ने के लिए एक सशक्त मंच सिद्ध होगा। इस अवसर पर उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने स्थानीय उद्यमियों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन भी किया और कर्क रेखा पर बने विज्ञान पार्क में वृक्षारोपण किया।
कार्यक्रम में सांसद श्रीमती शोभनाबेन महेन्द्रसिंह बारैया, राज्यसभा सांसद श्रीमती रमीला बारा, हिम्मतनगर विधायक श्री वी.डी. झाला, प्रांतिज विधायक श्री गजेन्द्रसिंह परमार, ज़िला विकास अधिकारी श्री हर्षद वोरा, ज़िला पुलिस प्रमुख डॉ. पार्थराजसिंह गोहिल, प्रांतिज प्रांत अधिकारी सुश्री आयुषी जैन, हिम्मतनगर प्रांत अधिकारी श्री विमल चौधरी, ज़िला अग्रणी श्री कनुभाई पटेल, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक श्री मिहिर मकवाणा समेत बड़ी संख्या में स्थानीय उद्यमी उपस्थित रहे।

