विनोद कुमार पांडे ब्यूरो चीफ चिरमिरी नगर निगम की खबर
चिरमिरी शहर 4 दिन से पानी की किल्लत से जूझ रहा – करोड़ों की योजनाओं के बावजूद नहीं हुई समस्या का समाधान, महापौर मस्त गरबा मे
चिरमिरी। त्योहारों का समय है, दुर्गा पूजा के पावन पर्व पर हर घर में श्रद्धा और भक्ति का माहौल है, लेकिन चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र के लोग बीते 4 दिनों से पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। चिरमिरी नगर निगम के 40 वार्डों में से अधिकांश हिस्सों में वाटर सप्लाई ठप पड़ी है। मोटर खराब होने के कारण सप्लाई बंद है, और नगर निगम प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
करोड़ों की योजनाएँ, लेकिन जनता प्यासे गले
पिछली सरकारों से लेकर वर्तमान भाजपा सरकार तक चिरमिरी में करोड़ों रुपए की पेयजल योजनाएँ आईं। फाइलों में परियोजनाएँ बनीं, सोशल मीडिया पर वाहवाही लूटी गई, लेकिन धरातल पर स्थिति जस की तस है। करोड़ों की रकम कहाँ गई – यह जनता के बीच बड़ा सवाल है। भ्रष्टाचारियों और कमीशनखोरी की भेंट चढ़ी योजनाओं का नतीजा आज साफ दिख रहा है।
महापौर और पार्षदों की गरबा और पूजा उत्सव मस्त है जनता परेशान महापौरं बने हैं अनजानआप और पार्षद को फोन करो तो कहा जाता है टैंकर खाली नहीं है पहले दुर्गा पूजा पंडाल में पानी देना है जनता भगवान भरोसे
शहरवासी जब पानी के लिए महापौर और पार्षदों से गुहार लगाने पहुँचे तो उन्हें निराशाजनक जवाब मिला। महापौर ने टैंकर उपलब्ध कराने के सवाल पर कहा – “देखते हैं, अभी टैंकर खाली नहीं है, पहले दुर्गा पंडाल में भेजना है।” वार्ड पार्षदों का रवैया भी गैर-जिम्मेदाराना रहा। जनता की प्यास बुझाने के बजाय अपमानजनक और टालमटोल भरे जवाब दिए गए।
त्योहारों पर सूखी पड़ी नगर निगम क्षेत्र चिरमिरी
दुर्गा पूजा और नवरात्रि का समय है, लेकिन पानी के बिना पूजा-पाठ अधूरा है। महिलाएँ और बच्चे घंटों लाइन लगाकर पानी की तलाश में भटक रहे हैं। निगम के पास मात्र दो-चार टैंकर हैं, जो चुनिंदा वार्डों और खास लोगों तक ही सीमित हैं। बाकी वार्डों की जनता भगवान भरोसे छोड़ दी गई है।
कमिश्नर और जलप्रभारी गायब
नगर निगम कमिश्नर और जलप्रभारी अधिकारी से संपर्क करने पर फोन तक नहीं उठाया जा रहा। अधिकारियों का यह रवैया सवाल खड़े करता है कि आखिर जनता के लिए जिम्मेदारी कौन निभाएगा? प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों ही लापरवाह हैं।
सोशल मीडिया पर दिखती है चमक, जमीनी हकीकत में अंधेरा
महापौर और पार्षद फोटो खिंचवाने और सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करने में व्यस्त हैं। गरबा और उत्सवों की रौनक का मज़ा लिया जा रहा है, लेकिन दूसरी ओर वार्डवासी पानी के लिए जूझ रहे हैं। यह तस्वीर नगर निगम की असलियत बयां कर रही है।
निष्कर्ष
चिरमिरी शहर में जल संकट नया नहीं है, लेकिन त्योहारों के बीच पानी की किल्लत ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। करोड़ों की योजनाएँ सिर्फ कागज़ पर सिमटकर रह गईं। सवाल यह है कि कब तक चिरमिरी की जनता प्यास और परेशानी के साथ चुनावी वादों और खोखले दावों की कीमत चुकाती रहेगी?
चिरमिरी नगर निगम छोटी सी समस्या मूलभूत सुविधा बिजली पानी की व्यवस्था करने में असमर्थ चिरमिरी नगर निगम को 25 वर्ष बीत गए पांच महापौर के बाद चिरमिरी में जल आपूर्ति की कोई बड़ी व्यवस्था स्थाई व्यवस्था अब तक पूरी नहीं जबकि चिरमिरी कोयलाचन नगरी में पानी की कोई कमी नहीं अपने शहर में पानी है और करोड़ों की योजना बनाते हैं और खोजते हैं पानी बाहर के शहर और सब चढ़ जाता है भ्रष्टाचारियों की भेंट


